ब्राज़ील में पुलिस की छापेमारी में 45 मारे गए

By : hashtagu, Last Updated : August 3, 2023 | 12:32 pm

ब्राजीलिया, 3 अगस्त (आईएएनएस)। ब्राजील (Brazil) के तीन राज्यों में ड्रग गिरोहों को निशाना बनाकर की गई पुलिस छापेमारी में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, रियो डी जनेरियो में बुधवार को पुलिस के नवीनतम ऑपरेशन में, कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा शहर के उत्तर में गोलीबारी के दौरान 10 लोग मारे गए।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मृतकों में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला एक सरगना भी शामिल है, जबकि चार लोग घायल हुए हैं।

शहर की सैन्य पुलिस ने कहा कि खुफिया सूचना के बाद कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा में ऑपरेशन शुरू किया गया था। सूचना में बताया गया था कि इलाके में नशीली दवाओं के तस्करों की एक बैठक होने वाली है।

कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा के आसपास के स्कूल बुधवार को नहीं खुले, इससे लगभग 3,220 छात्रों को घर पर ही रहना पड़ा।
गौरतलब है कि रियो डी जनेरियो ब्राज़ील के सबसे हिंसक राज्यों में से एक है।

बीबीसी ने बताया कि इस बीच, उत्तर-पूर्वी राज्य बाहिया में, 28 जुलाई से सोमवार के बीच तीन शहरों साल्वाडोर, इतातिम और कैमाकारी में पुलिस और गिरोह के सदस्यों के बीच झड़पें हुईं।

कैमाकारी में, 28 जुलाई को सात लोग मारे गए, जबकि इतातिम ने रविवार को हिंसक झड़पों के दौरान आठ लोगों की मौत की सूचना दी।

साल्वाडोर में पुलिस और सशस्त्र संदिग्धों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि स्कूल भी मंगलवार को बंद रहे।

बाहिया ऑपरेशन के दौरान बंदूकें, फोन और ड्रग्स जब्त किए गए।

साओ पाओलो राज्य में ‘ऑपरेशन शील्ड’ नामक पांच दिवसीय पुलिस छापे के दौरान 16 लोग मारे गए और 58 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया।

यह ऑपरेशन 28 जुलाई को तटीय शहर गुआरुजा में एक विशेष बल के पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद शुरू हुआ।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस कार्रवाई की व्यापक निंदा भी हुई है।

न्याय मंत्री फ्लेवियो डिनो ने गुआरुजा में ऑपरेशन की आलोचना की, उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई आक्रामक थी।

कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा में ऑपरेशन की निंदा करते हुए, रियो राज्य विधायिका के सदस्य तालिरिया पेट्रोन ने कहा कि “राज्य के पास इस तरह से जीवन को नरक में बदलने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं है।”

इस बीच, ब्राज़ील में सशस्त्र हिंसा के आंकड़ों पर नज़र रखने वाले संगठन इंस्टिट्यूटो फ़ोगो क्रूज़ाडो ने छापे को “सामूहिक हत्या” बताया।

रियो में पुलिस छापे के बाद एक बयान में संस्थान ने कहा कि साल की शुरुआत से शहर में ऐसी 33 घटनाएं हुई हैं, इनमें कुल 125 लोग मारे गए हैं।