डंकन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस प्रतिमा का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हम टेक्सास में एक झूठे हिंदू देवता की झूठी मूर्ति को क्यों अनुमति दे रहे हैं? हम एक क्रिश्चियन राष्ट्र हैं।” इसके साथ ही उन्होंने बाइबल की कई आयतें साझा कीं, जिनमें मूर्तिपूजा का विरोध किया गया है।
इस बयान के सामने आते ही सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) ने डंकन की टिप्पणी को “हिंदू विरोधी और भड़काऊ” बताया और टेक्सास रिपब्लिकन पार्टी में उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की है। फाउंडेशन ने पूछा कि क्या पार्टी अपने ही दिशानिर्देशों और अमेरिका के संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करने वाले अपने नेता पर कार्रवाई करेगी।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी डंकन को संविधान की याद दिलाई, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया गया है। एक यूज़र ने लिखा, “अगर आप हिंदू नहीं हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि भगवान हनुमान ‘झूठे’ हैं। वेद ईसा मसीह के जन्म से लगभग 2000 साल पहले लिखे गए थे और उनमें ज्ञान की गहराई है।”
एक अन्य यूज़र ने कहा, “अमेरिका विभिन्न आस्थाओं वाले लोगों का देश है। इसे धार्मिक स्वतंत्रता कहते हैं। जब तक किसी धर्म के अनुयायी किसी को नुकसान या उत्पीड़न नहीं पहुंचा रहे, तब तक उनका धर्म पूरी तरह से संविधान द्वारा सुरक्षित है।”
I’m just calling it what it is, an IDOL.
“You must not have any other god but me. You must not make for yourself an idol of any kind or an image of anything in the heavens or on the earth or in the sea.” Exodus 20:3-4
“They traded the truth about God for a lie. So they… pic.twitter.com/xGz6oVgGUr
— Alexander Duncan (@AlexDuncanTX) September 22, 2025
स्टैचू ऑफ यूनियन के बारे में
यह प्रतिमा श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर, शुगर लैंड, टेक्सास में स्थापित की गई है और इसे उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा माना जा रहा है। 90 फीट ऊंची यह प्रतिमा शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। इसे आध्यात्मिक गुरु श्री चिन्नजीयर स्वामीजी के मार्गदर्शन में बनाया गया और इसका अनावरण 18 अगस्त 2024 को हुआ।
हनुमान जी के भगवान राम और माता सीता के पुनर्मिलन में निभाई गई भूमिका के प्रतीक के रूप में इस प्रतिमा को “Statue of Union” नाम दिया गया है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि यह प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा और सांप्रदायिक सौहार्द का केंद्र बनेगी।
इस विवाद के बीच, धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता पर एक बार फिर अमेरिका में चर्चा तेज हो गई है।
