पुतिन से मुलाकात के बाद किम जोंग उन की टीम ने डीएनए के निशान मिटाए

खुद पुतिन भी अपनी जैविक पहचान को बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके बॉडीगार्ड विदेश यात्राओं के दौरान उनका पेशाब और मल एकत्र कर सीलबंद बैग में रूस वापस ले जाते हैं।

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  • Publish Date - September 4, 2025 / 06:40 AM IST

Kim Jong Un: बीजिंग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की टीम ने जिस कुर्सी पर उन्होंने बैठकर बातचीत की थी, उसे पूरी तरह साफ किया। टेलीग्राम पर सामने आए वीडियो फुटेज में दिखा कि जैसे ही बैठक खत्म हुई, किम की टीम तुरंत पहुंची और उनकी कुर्सी, हत्थे, बैकरेस्ट, और साइड टेबल को सैनिटाइज करने लगी। जिस गिलास से किम ने पानी पिया था, उसे भी ट्रे में रखकर ले जाया गया।

रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव ने अपने चैनल ‘Yunashev Live’ पर लिखा, “उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल ने बैठक के बाद किम की मौजूदगी के हर निशान को साफ कर दिया।” उन्होंने बताया कि मुलाकात के बाद दोनों नेता बेहद संतुष्ट नजर आए और चाय साझा की।

किम की इस “फॉरेंसिक सफाई” के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि वे या तो रूस की सुरक्षा एजेंसियों से सावधान हैं या चीन की निगरानी को लेकर चिंतित। हालांकि, इस तरह की सतर्कता केवल किम तक सीमित नहीं है।

खुद पुतिन भी अपनी जैविक पहचान को बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके बॉडीगार्ड विदेश यात्राओं के दौरान उनका पेशाब और मल एकत्र कर सीलबंद बैग में रूस वापस ले जाते हैं। ऐसा 2017 से चल रहा है। बताया जाता है कि यह प्रोटोकॉल उस समय भी अपनाया गया जब पुतिन ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अलास्का में मुलाकात की थी।

बीजिंग में किम ने पुतिन से कहा, “अगर मुझे रूस और उसके लोगों के लिए कुछ करना चाहिए या करना जरूरी है, तो मैं इसे अपना कर्तव्य मानता हूं।” पुतिन ने उन्हें “प्रिय चेयरमैन ऑफ स्टेट अफेयर्स” कहकर गर्मजोशी से जवाब दिया।

पुतिन ने यूक्रेन में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती के लिए धन्यवाद भी दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां भेजे गए 13,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों में से करीब 2,000 मारे जा चुके हैं।

यह किम की महामारी के बाद पहली चीन यात्रा थी, जहां उन्होंने पुतिन और शी जिनपिंग के अलावा जापान की हार की वर्षगांठ पर एकत्र हुए दो दर्जन से ज्यादा वैश्विक नेताओं से भी मुलाकात की।

2024 में हुए रक्षा समझौते के बाद, रूस और उत्तर कोरिया के रिश्ते दशकों बाद इतने मजबूत हुए हैं। दोनों देश पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ मिलकर खड़े हैं और एक नई रणनीतिक धुरी की ओर बढ़ रहे हैं।