H-1B वीजा धारकों को Meta और Microsoft की चेतावनी: ’24 घंटे में US लौटें, बाहर न जाएं’

HashtagU द्वारा एक्सेस की गई इंटरनल ईमेल्स के अनुसार, दोनों कंपनियों ने उन कर्मचारियों को जो वर्तमान में अमेरिका के बाहर हैं, 24 घंटे के भीतर अमेरिका लौटने को कहा है

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  • Publish Date - September 20, 2025 / 02:27 PM IST

H1-B visa: अमेरिका में इमिग्रेशन पर ट्रंप सरकार की नई सख्ती के बीच, टेक कंपनियों Meta और Microsoft ने अपने H-1B वीजा धारक कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने और देश से बाहर न जाने की सख्त सलाह दी है। यह चेतावनी शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा शुल्क को $100,000 (लगभग ₹88 लाख) तक बढ़ाने और इमिग्रेशन सिस्टम में बदलाव की घोषणा के बाद सामने आई है।

24 घंटे में अमेरिका लौटने की सलाह

HashtagU द्वारा एक्सेस की गई इंटरनल ईमेल्स के अनुसार, दोनों कंपनियों ने उन कर्मचारियों को जो वर्तमान में अमेरिका के बाहर हैं, 24 घंटे के भीतर अमेरिका लौटने को कहा है। वहीं, अमेरिका में रह रहे कर्मचारियों को कम से कम 14 दिनों तक देश से बाहर न जाने की सिफारिश की गई है।

Meta ने अपने सभी H-1B और H4 वीजा होल्डर्स को “कम से कम दो सप्ताह तक” अमेरिका में ही रुकने की सलाह दी है जब तक कि ट्रंप की घोषणाओं के “प्रैक्टिकल इम्प्लीमेंटेशन” स्पष्ट न हो जाएं। दूसरी ओर, Microsoft ने इस निर्देश को और भी कड़े शब्दों में दोहराते हुए कहा कि “कोई भी अनावश्यक यात्रा न करें” और “जो बाहर हैं, वे जल्द से जल्द वापस लौटने की पूरी कोशिश करें।”

H-1B धारकों पर सबसे अधिक असर भारतीयों पर

H-1B वीजा प्रोग्राम खासतौर पर टेक कंपनियों द्वारा स्पेशलाइज्ड स्किल वाले विदेशी पेशेवरों के लिए उपयोग किया जाता है — जैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, टेक मैनेजर्स और अन्य IT एक्सपर्ट्स। यह वीजा तीन साल के लिए दिया जाता है और इसे तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में H-1B वीजा पाने वालों में 71% भारतीय थे, जबकि चीन का हिस्सा केवल 11.7% रहा। ऐसे में यह नई नीति भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए भारी झटका साबित हो सकती है।

नए नियम और गोल्ड कार्ड वीजा योजना

ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को H-1B वीजा शुल्क को $215 से बढ़ाकर सीधे $100,000 कर दिया है। इसके अलावा निवेशक वीजा (Investor Visa) की फीस भी $10,000 से बढ़ाकर $20,000 प्रति वर्ष कर दी गई है। व्हाइट हाउस के अनुसार, यह कदम “अमेरिकन वर्कर्स को प्राथमिकता” देने के लिए उठाया गया है और इसका उद्देश्य केवल “ट्रूली एक्स्ट्राऑर्डिनरी” लोगों को अमेरिका में लाना है।

इसके साथ ही Trump Gold Card Visa Program भी लॉन्च किया गया है, जिसमें व्यक्तियों के लिए $1 मिलियन और कंपनियों के लिए $2 मिलियन का शुल्क तय किया गया है। इस योजना को पारंपरिक एम्प्लॉयमेंट-बेस्ड ग्रीन कार्ड प्रोग्राम का विकल्प बताया गया है।ट्रंप की नई नीतियों ने अमेरिका में काम कर रहे विदेशी कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया है। Meta और Microsoft जैसी कंपनियों द्वारा भेजी गई चेतावनियां बताती हैं कि आने वाले समय में H-1B वीजा धारकों को कड़े नियमों और अधिक खर्चों का सामना करना पड़ेगा। खासकर भारतीय पेशेवरों के लिए यह एक बड़ा झटका है, जो अमेरिका में करियर बनाने की योजना पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो सकते हैं।