वॉशिंगटन डीसी में यहूदी संग्रहालय के पास इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या, जांच जारी

गिरफ्तार किए गए संदिग्ध की पहचान 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में हुई है, जो शिकागो का निवासी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमले के दौरान और गिरफ्तारी के समय वह "फ्री, फ्री फिलिस्तीन" के नारे लगा रहा था।

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  • Publish Date - May 22, 2025 / 12:48 PM IST

वॉशिंगटन : वॉशिंगटन डीसी (Washington DC) में एक दर्दनाक और निंदनीय घटना में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात बुधवार की शाम राजधानी के यहूदी संग्रहालय के निकट उस समय हुई जब दोनों कर्मचारी एक यहूदी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होकर बाहर निकले थे। हमला उस जगह पर हुआ जो एफबीआई के वॉशिंगटन फील्ड ऑफिस से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

गिरफ्तार किए गए संदिग्ध की पहचान 30 वर्षीय एलियास रोड्रिगेज के रूप में हुई है, जो शिकागो का निवासी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमले के दौरान और गिरफ्तारी के समय वह “फ्री, फ्री फिलिस्तीन” के नारे लगा रहा था। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि आरोपी ने अकेले इस कृत्य को अंजाम दिया और उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई गई है।

इस घटना को इस्राइल सरकार और अमेरिकी अधिकारियों ने यहूदी विरोधी आतंकवादी हमला करार दिया है। इस्राइली राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने इसे “नफ़रत का घृणित कार्य” बताया और अमेरिका में यहूदी समुदाय के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम आतंक और घृणा से नहीं डरेंगे। हमारे दिल पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हमले की तीव्र निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर लिखा, “डीसी में हुई इन भयावह हत्याओं का कारण साफ़ तौर पर यहूदी-विरोधी सोच है। अमेरिका में नफ़रत और कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं है। पीड़ित परिवारों को मेरी संवेदनाएं। यह अत्यंत दुखद है कि ऐसा कुछ हमारे देश में हो सकता है।”

गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने भी एक आधिकारिक बयान में पुष्टि की है कि दोनों पीड़ितों की मृत्यु हो चुकी है और जांच एजेंसियां स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही हैं। एफबीआई के निदेशक काश पटेल ने कहा कि उन्होंने इस घटना की पूरी जानकारी ली है और एफबीआई पूरी गंभीरता से जांच कर रही है। उन्होंने एक सख्त संदेश में कहा, “हम इस अपराधी को खोज निकालेंगे, चाहे वह कहीं भी छिपा हो।”

घटना ने पूरे यहूदी समुदाय और इस्राइली राजनयिक हलकों में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है। पीड़ितों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों इस्राइली दूतावास से जुड़े अधिकारी थे और जल्द ही यरुशलम में सगाई करने वाले थे। वर्तमान में मामला गहन जांच के अधीन है और पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हैं कि न्याय कब और कैसे होगा।