दिनभर बैठे रहने से बिगड़ सकता है स्वास्थ्य, जानें आयुर्वेदिक उपाय
By : dineshakula, Last Updated : October 20, 2025 | 12:42 pm
नई दिल्ली: आज की डिजिटल (digital) और भागदौड़ भरी जीवनशैली ने लोगों को इतना निष्क्रिय बना दिया है कि दिनभर एक ही जगह बैठे रहना अब आम आदत बन गई है। मोबाइल, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के सामने घंटों बिताना सिर्फ आंखों के लिए नहीं, बल्कि पूरे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रहा है।
लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, चर्बी जमा होती है, रक्त संचार बाधित होता है और हार्मोन में असंतुलन आने लगता है, जिससे तनाव, थकावट और कई बार अवसाद जैसी स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।
आयुर्वेद में इस निष्क्रिय जीवनशैली से होने वाली समस्याओं का समाधान प्राकृतिक तरीके से बताया गया है। इसके अनुसार दिन की शुरुआत हल्के व्यायाम से करना चाहिए। कम से कम 30 मिनट की सुबह की सैर या हल्की दौड़ शरीर को सक्रिय बनाती है। सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, त्रिकोणासन और भुजंगासन जैसे योग आसन नियमित करने से शरीर में ऊर्जा और लचीलापन बना रहता है।
प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, कपालभाति और सूर्यभेदी नाड़ी न सिर्फ श्वसन तंत्र को मजबूत बनाते हैं, बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता भी बढ़ाते हैं।
साथ ही, आयुर्वेद संतुलित और सात्विक आहार को बेहद जरूरी मानता है। भोजन में हरी सब्जियां, फल, अंकुरित अनाज और हल्का भोजन शामिल करना चाहिए। सुबह खाली पेट गुनगुना पानी या त्रिफला जल पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। भोजन के बाद कुछ मिनट टहलना पाचन को बेहतर बनाता है।
अभ्यंग यानी तेल से मालिश, विशेषकर तिल या नारियल तेल से, शरीर की थकान और जकड़न दूर करती है और स्नायु शक्ति बढ़ाती है।
शारीरिक गतिविधि सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी ऊर्जा देती है। यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़े से बदलाव करें—जैसे हर घंटे में 5 मिनट चलना, स्क्रीन टाइम सीमित करना और दिन में थोड़ा योग करना—तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।




