छत्तीसगढ़ की चार लाख महिलाएं बनीं लखपति दीदी, अब चला रहीं अपना कारोबार

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  • Updated On - October 4, 2025 / 12:32 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता (economic self reliance) की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य में शुरू की गई लखपति दीदी योजना के तहत अब तक चार लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2027 तक आठ लाख महिलाएं इस योजना से जुड़कर एक लाख या उससे ज्यादा सालाना आय वाली उद्यमी बनें।

इस योजना के तहत महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं अब अचार, पापड़, हल्दी, मसाले, आटा चक्की, किराना दुकान और डेयरी जैसे छोटे-छोटे कारोबारों से अच्छी कमाई कर रही हैं। कई महिलाएं तो अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपने उत्पाद बेचने की तैयारी में हैं।

बलरामपुर जिले की पूनम गुप्ता ने किराना दुकान और आटा चक्की से शुरुआत की और अब पिकअप व ट्रैक्टर खरीदकर अपना व्यवसाय और बड़ा कर रही हैं। गरियाबंद की हेमिन साहू ने अचार और पापड़ का कारोबार शुरू किया, जिससे उन्हें हर दिन करीब चार हजार रुपए की आमदनी हो रही है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली के सरस मेले में 2.32 लाख की बिक्री की।

रायपुर की गीता वर्मा ने स्व-सहायता समूह से जुड़कर हल्दी और मसालों का व्यवसाय शुरू किया और अब हर महीने 15 से 20 हजार रुपए कमा रही हैं। सेरीखेड़ी की खिलेश्वरी मधुकर और उनके समूह की महिलाएं फिनाइल, धूपबत्ती, मोमबत्ती, कुकीज़ और ग्लिसरीन साबुन बनाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं।

डोंगरगांव के भारत माता संकुल की महिलाएं गिर और साहीवाल नस्ल की गायों से A2 दूध निकालकर घी बना रही हैं। दिनेश्वरी साहू ने बताया कि उनके पास 25 से 30 गायें हैं और डेयरी उत्पाद बेचकर वे अच्छी आय कमा रही हैं।

एक और प्रेरणादायक कहानी गीता वैष्णव की है, जिन्होंने कभी दूसरों से दस रुपये मांगने की नौबत झेली, लेकिन बिहान योजना के तहत आचार-पापड़ बनाकर अब अपने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना पूरा कर रही हैं।

लखपति दीदी योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की सरकारी पहल है। इसका मकसद है कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की सालाना घरेलू आय एक लाख रुपए या उससे ज्यादा हो। इसके तहत महिलाएं खुद का व्यवसाय शुरू करती हैं, प्रशिक्षण लेती हैं और धीरे-धीरे अपने उत्पाद बाजार में बेचती हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जल्द ही महिला समूहों को रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स बनाने का काम भी दिया जाएगा और उनके उत्पाद फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने रायपुर के शहीद स्मारक भवन में आयोजित बिहान दीदियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि तकनीक ने दुनिया के बाजार को हमारे हाथों तक पहुंचा दिया है और अब छत्तीसगढ़ की दीदियों को भी डिजिटल प्रशिक्षण देकर वैश्विक बाजार से जोड़ा जाएगा।

साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ब्रांड एम्बेसडर बन चुकी हैं और उनकी सफलता हम सभी के लिए गर्व की बात है। लखपति दीदियां अब अपने सपनों को पंख दे रही हैं और यह बदलाव पूरे राज्य की तस्वीर बदल रहा है।