रायपुर। प्रदेश के गांव-शहर के सरकारी स्कूलों में सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों ने काम छोड़ने का मन बना लिया है। इन्हें पूरे महीने सफाई करने के एवज में 2400 रुपए मानदेय दिया जाता है। जबकि प्रदेश में घर बैठे बेरोजगारों को हर महीने 2500 रुपए भत्ता दिया जा रहा है। साल 2018 से ये सफाई कर्मचारी (Cleaners) अपना मानदेय (honorarium) बढ़ाकर कलेक्टर दर पर करने की मांग कर रहे हैं। मगर अब तक इनकी मांग अधूरी ही है। इनके लिए बेरोजगारों को इनसे अधिक भत्ता दिए जाने की योजना जले पर नमक से कम नहीं है।
अब ये सफाई कर्मचारी बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। स्कूल सफाई कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी प्रदीप वर्मा के मुताबिक आज वह बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। जिसमें मंत्रालय के घेराव की रणनीति बनाई जाएगी। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 12 वर्षों से 43,301 स्कूल सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं । काम के एवज में 2000 से 2400 मानदेय प्रतिमाह भुगतान किया जाता है।
14 अप्रैल को दुर्ग के पाटन विधानसभा क्षेत्र में संविधान दिवस के कार्यक्रम में सभी मंत्री, विधायक, कांग्रेस के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा l
1 मई मजदूर दिवस के दिन कलेक्टर दर पर श्रमिकों को न्यूनतम वेतन भुगतान की मांग को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा l
जून माह से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से 60 से 65 विधायकों का सहमति समर्थन पत्र को लेकर पदयात्रा करते हुए रायपुर चलो अभियान चलाया जाएगा। मांगे पूरी नहीं होने पर प्रदेश के सभी 43301 स्कूल सफाई कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।