651 धर्मांतरित परिवारों की घर वापसी : जूदेव ने कहा का छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण बड़ी समस्या

651 धर्मान्तरित परिवारों की सनातन धर्म में घर वापसी को लेकर अखिल भारती घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप जूदेव ने प्रेस कॉफ्रेंस किया। उन्होंने

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  • Updated On - December 31, 2024 / 07:46 PM IST

    करेंगे प्रदेशव्यापी आंदोलन, जशपुर से लेकर रायपुर तक निकालेंगे पदयात्रा

रायपुर। 651 धर्मान्तरित परिवारों की सनातन धर्म में घर वापसी को लेकर अखिल भारती घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप जूदेव (Prabal Pratap Judev)ने प्रेस कॉफ्रेंस किया। उन्होंने कहा, सक्ती छत में पांव पखारकर 651 धर्मान्तरित परिवारों की पुन: सनातन धर्म में घर वापसी (651 converted families return home to Sanatan Dharma)कराया गया। ईसाई मिशनरियों द्वारा कई वर्षों से सक्ती एवं आसपास के जिलों में धर्म परिवर्तन का विष फैलाया जा रहा है। धर्मान्तरण से चुनाव प्रभावित हो रहा है। पूरे क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है। यह अत्यंत गंभीर और चिंता का विषय है।

अमित जोगी को लेकर प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा, इनके पास कोई मुद्दा नहीं है. उनकी स्थिति आप देख रहे हैं। जब वो खुद ही क्रिप्टो क्रिश्चन है वो मेरे पर लांछन लगा रहे हैं। ये काम मेरे पिता ने तब से शुरू किया, जब भाजपा नहीं थी। आप अपने आप को सनातनी हिंदू कहते हैं, आपका खुद ही आईडेंटी का पता नहीं है। पंजाब के सीएम चन्नी साहब भी हिंदू हैं, लेकिन वो कुछ और काम करते हैं। ये सभी लोग हिंदू समाज को खोखला कर रहे हैं. ऐसे लोगों के विरुद्ध प्रदेशभर में एक बड़ा आंदोलन करूंगा।

जूदेव ने कहा, दूसरी बड़ी समस्या डीलिस्टिंग की है, वनवासी भाई हैं। उन्हें लाभ मिले, इसके लिए मैं बड़ा प्रदर्शन करूंगा। कुछ धर्मांतरित लोग कन्वर्ट हो रहे हैं और इसका लाभ भी उठा रहे हैं। डीलिस्टिंग होना बहुत जरूरी है. वनवासी समाज जो कन्वर्ट हो गया है उसका आरक्षण बंद होना चाहिए. इसके लिए जशपुर से लेकर रायपुर तक मैं पदयात्रा भी करूंगा।
प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक बहुत बड़ी सांस्कृतिक समस्या है। जूदेव ने कहा, आज जनजातीय समाज की पहचान पर भी संकट आ गया है. कई गांवों में मूल संस्कृति के साथ जी रहे जनजाति और मतांतरित वर्ग में तनाव देखने को मिल रहे हैं. बस्तर और छत्तीसगढ़ के अन्य क्षेत्रों में पिछले वर्ष कई घटनाएं भी हुई थी. छत्तीसगढ़ शांति का टापू कहा जाता था, लेकिन ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण के माध्यम से परिवार और समाज को तोड़ा जा रहा है.

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