अबुझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल मुक्त, शांति और विकास का नया दौर शुरू: मुख्यमंत्री साय

मुख्यमंत्री का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के बाद आया, जिसमें उन्होंने बताया कि गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।

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  • Publish Date - October 16, 2025 / 09:52 PM IST

जगदलपुर, बस्तर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) ने गुरुवार को कहा कि राज्य के उत्तर बस्तर और अबुझमाड़ क्षेत्र अब पूरी तरह नक्सल आतंक से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण बस्तर में भी नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चल रही है।

मुख्यमंत्री का यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उस घोषणा के बाद आया, जिसमें उन्होंने बताया कि गुरुवार को छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इससे एक दिन पहले 27 नक्सलियों ने राज्य में और 61 ने महाराष्ट्र में आत्मसमर्पण किया था।

साय ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “उत्तर बस्तर और अबुझमाड़ नक्सल मुक्त हो गए हैं, जिससे बस्तर में शांति और विकास का नया युग शुरू हो चुका है। यह सरकार की नक्सल उन्मूलन मुहिम की ऐतिहासिक सफलता है।” उन्होंने कहा, “पिछले दो दिनों में 258 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह साबित करता है कि आज बंदूक नहीं, विश्वास की ताकत जीत रही है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत नक्सलवाद के अंत की दहलीज पर है। उन्होंने बताया कि बीते 22 महीनों में छत्तीसगढ़ में 477 नक्सली मारे गए, 2,110 ने आत्मसमर्पण किया और 1,785 को गिरफ्तार किया गया है।

साय ने कहा कि यह बदलाव राज्य की “नक्सली आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “नियाड नेल्ला नार योजना” की सफलता का प्रमाण है। बस्तर में बनाए जा रहे सुरक्षा कैंप और आदिवासी इलाकों में सरकार के प्रति बढ़ते भरोसे ने इस परिवर्तन को संभव बनाया है।

अब तक नक्सल प्रभावित इलाकों में 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे न सिर्फ सुरक्षा मजबूत हुई है बल्कि हर गांव तक विकास और विश्वास की भावना पहुंची है।

उन्होंने सुरक्षा बलों के साहस और बलिदान को सलाम करते हुए कहा कि बस्तर अब डर नहीं, बल्कि विश्वास का प्रतीक बन गया है। अबुझमाड़ और उत्तर बस्तर पूरी तरह नक्सल मुक्त हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में निर्णायक मोड़ पर लड़ाई जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट है – हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। जो नक्सली शांति और विकास का रास्ता चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो बंदूक उठाकर समाज में दहशत फैलाना चाहेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने अपील की कि सभी नक्सली हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें और विकास के उजाले में कदम रखें।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को 120 नक्सली आत्मसमर्पण के लिए बीजापुर पहुंचे, जबकि बुधवार को कांकेर जिले के बीएसएफ कैंप में 50 नक्सली आत्मसमर्पण के लिए आए थे। शुक्रवार को सभी 170 नक्सली मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सामने जगदलपुर में औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण करेंगे।

बस्तर क्षेत्र में सात जिले शामिल हैं – कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर। अबुझमाड़ का घना जंगल और दुर्गम इलाका करीब 5,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो पहले नक्सली कमांडरों का सुरक्षित ठिकाना और ट्रेनिंग कैंप चलाने का केंद्र माना जाता था।

बीते 22 महीनों में इस क्षेत्र में कई मुठभेड़ें हुईं, जिनमें बड़े और छोटे स्तर के नक्सली मारे गए। साथ ही, यहां विकास कार्य भी तेज़ी से हुए हैं।