रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान (anti naxal campaign) को बड़ी सफलता बताते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राज्य में अब तक 2000 से अधिक माओवादी हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीति और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के कारण नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात तेजी से बदल रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें आर्थिक सहायता, आवास, जमीन, शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण शामिल है ताकि वे समाज में सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें। सरकार का उद्देश्य केवल हथियार छुड़वाना नहीं बल्कि इन लोगों को स्थायी रूप से विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है।
सरकार का दावा है कि सुरक्षा बलों और प्रशासन के समन्वय से माओवादी गतिविधियों में लगातार गिरावट आई है। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में हाल के महीनों में कई इनामी माओवादियों ने भी सरेंडर किया है। इससे क्षेत्र में शांति बहाल होने की उम्मीद बढ़ी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाया जाए और प्रभावित क्षेत्रों में विकास, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएं।