रायपुर। छत्तीसगढ़ सहित तेलंगाना में नक्सली हिंसा में कुख्यात महिला नक्सली सुजाता(Female Naxalite Sujata) को तेलंगाना राय के महबूबनगर से एसआईबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। बस्तर में सुजाता काफी सक्रिय रहते हुए और आतंकी गतिविधियों में शामिल रही है। नक्सलियों के हमले की रणनीति में सुजाता मुख्य भूमिका निभाती रही है। इसके पूर्व हुए कई घातक हमले की मास्टर माइंड भी थी। माओवादी कोर कमेटी की सदस्य के साथ बस्तर की प्रभारी भी थी। नक्सल हिंसा को फैलाने में सुजाता की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सुजाता बहुत ही चालाक और शातिर किस्म की माओवादी है, वह वेशभूषा भी बदलने में माहिर है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हर सूचना के लिए जाल बिछा रखी थी। इसमें वह किसी संचार माध्यम का इस्तेमाल नहीं करती थी, उसके रूट के बारे में सुजाता के सहयोगी नक्सलियों को भी इसकी कोई जानकारी नहीं रहती थी। ऐसे में पुलिस या खुफिया विभाग की टीम ने उसे कभी ट्रैक नहीं कर सका। एक करोड़ की इनामी होने के बाद भी वह अपने गिने चुने साथियों के साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूवमेंट करती थी। लेकिन वह कहां जाएगी, इसकी जानकारी उसके खास लोगों को भी नहीं होती थी। यही एक बड़ा कारण भी रहा है कि जिससे सुजाता तीन दशकों से पकड़ी नहीं जा सकी।
पकड़ी गई महिला नक्सली सुजाता पर एक करोड़ का इनाम (Reward of one crore)है। जानकारी के मुताबिक, सुजाता दुर्दांत नक्सली किशन की पत्नी है, जो पिछले दशक से तेलंगाना, बंगाल और बस्तर में काफी सक्रिय थी। डीकेएसजेडसी सचिव रामन्ना की मौत के बाद नक्सलियों के टॉप लीडरों ने सुजाता को बस्तर प्रभारी बनाया था। केंद्रीय कमेटी सदस्य और साउथ सब जोनल ब्यूरो की इंचार्ज के रूप में सुजाता उर्फ मेनी बाई उर्फ जानकी का अधिकांश समय बस्तर के जंगलों में बीता है। सुजाता बस्तर केअंदुरुनी इलाकों के बारे में काफी जानकारी रखती थी। बीजापुर के तर्रेम थाना के भट्टीगुड़ा, तुमलपाट और मीनागुट्टा के जंगलों में अक्सर सुजाता को देखा जाता था। बुधवार को तेलंगाना पुलिस ने मेहबूबनगर से सुजाता को गिरफ्तार किया है।