रायपुर। पेंशनरों के मंहगाई (Dearness of pensioners) राहत के भुगतान के लिए सहमति के संबंध में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को समुचित निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि सहमति मिलते ही तुरंत महंगाई राहत प्रदान करने कार्रवाई की जा सके। मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अंतर्गत दोनों राज्यों के मध्य पेंशन पर महंगाई राहत के भुगतान हेतु सहमति आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को शीघ्र 42 प्रतिशत मंहगाई राहत प्रदान करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखा है। पत्र में मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के धारा 49(6) के अंतर्गत महंगाई राहत के भुगतान के लिए मध्यप्रदेश की सहमति चाही गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने पत्र में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से अधिकारियों को इस संबंध में सहमति के लिए समुचित निर्देश देने को कहा है ताकि सहमति मिलते ही छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ते दिये जाने की कार्रवाई की जा सके। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के पेंशनरों को महंगाई राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने 2 अगस्त को मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को 42 प्रतिशत महंगाई राहत 1 जुलाई 2023 से प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के अंतर्गत दोनों राज्यों के मध्य पेंशन पर महंगाई राहत के भुगतान के लिए सहमति आवश्यक होती है। ऐसी सहमति मिलने पर ही पेंशन राहत पर आगे कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि जैसे ही मध्यप्रदेश की सहमति प्राप्त होगी, वैसे ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भी अविलंब पेंशनर राहत प्रदान करने की दिशा में कार्रवाई होगी।
उल्लेखनीय है कि पेंशनर संगठनों द्वारा महंगाई राहत की दर 42 प्रतिशत करने की मांग लगातार की जा रही है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा सहमति अब तक लंबित नहीं होने की वजह से पेंशनरों को राहत देने में यह समय लगा है। मुख्यमंत्री के पत्र लिखे जाने के बाद अब इस संबंध में तेजी से कार्रवाई हो सकेगी।
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