रायपुर। मुख्यमंत्री ने महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती जी (Maharishi Swami Dayanand Saraswati) की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150वें स्थापना दिवस पर स्वामी दयानंद सरस्वती जी और तुलाराम आर्य परगनिहा जी को नमन करते हुए ज्ञान ज्योति पर्व मनाने के लिए सभी को बधाई दी। भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने छत्तीसगढ़ में आर्य समाज के संस्थापक और महान दानवीर तुलाराम आर्य परगनिहा जी के प्राकट्य दिवस पर उनका स्मरण करते कहा कि श्रद्धेय तुलाराम आर्य जी ने छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर समाज सुधार की दिशा में सराहनीय प्रयास किए हैं हम उन्हें उनकी दानशीलता के लिए भी याद करते हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी समाज के विकास की प्रक्रिया बहुत लंबी और बहुत जटिल होती है और एक उन्नत समाज को आकार लेने में सदियां लग जाती हैं। नये विचारों की स्थापना और पुराने विचारों के संशोधन-परिमार्जन से ही समाज प्रगतिशील होता है, उसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारा भारतीय समाज एक प्रगतिशील समाज है क्योंकि हमने हमेशा ही नये विचारों का स्वागत किया है। हम जिसे सनातन परंपरा कहते हैं, वह अनादि-काल से चली आ रही है, वह अनंतकाल तक चलती रहेगी।
प्रांतीय आर्य महासम्मेलन एवं ज्ञान ज्योति पर्व में शामिल होने के लिए दिल्ली से आए स्वामी आर्यवेश ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि गौठान योजना शुरू करके राज्य में न सिर्फ मवेशियों का संरक्षण किया जा रहा है बल्कि इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। स्वामी आर्यवेश ने कहा कि राम वन गमन पथ योजना को आकार देकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक अमिट कार्य किया है।
इस मौके पर खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री आर एन वर्मा, आर्य समाज से स्वामी श्री आर्यवेश, छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य समाज के अध्यक्ष आचार्य श्री अंशुदेव, मंत्री श्री भुवनेश साहू समेत अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे।
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