रायपुर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस की भूपेश सरकार पर आरोप लगाया है कि इन दिनों प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार (Atrocities on Tribals) के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां एक ओर आदिवासी मां-बहनों की अस्मिता लूटी जा रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हें मिले अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में आदिवासियों के उत्थान के लिए जो योजनायें चलायी जा रही थीं, उन्हें प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर रोक दिया है। इतना ही नहीं, भूपेश सरकार ने वनांचल क्षेत्र में भाजपा को कमजोर करने भाजपा कार्यकताओं को टारगेट किलिंग सहित अनेक तरीकों से प्रताड़ित किया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर व अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम ने इस आशय का आरोप आज प्रेस वार्ता में लगाया। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने सुनियोजित ढंग से आदिवासी अंचल में नक्सलियों पर कमजोर कार्रवाई की और ऐसा भय का वातावरण निर्मित किया जिससे भाजपा के कार्यकर्ता भयभीत हों। भूपेश सरकार नहीं चाहती कि आदिवासियो पर हो रहे अनाचार के मामले को भाजपा जोर-शोर से उठाये।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर और अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने भूपेश सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सरकार आदिवासी गौरव दिवस मना रही है, लेकिन बस्तर में पोटाकेबिन में 6 साल की बालिका से अनाचार हो जाता है, अपने आरक्षण की मांग को लेकर प्रदेश के युवाओं को अपने वस्त्र त्यागने पड़ते हैं, यह सरकार आरक्षण देने का बहाना करके अपने व्यक्ति से उसे पर स्टे लगवा देती है, तेंदूपत्ता की कम खरीदी कर आदिवासी समाज को ₹1000 करोड़ से अधिक का नुकसान करवाकर इन विषयों पर कोई जवाब नहीं देती है। श्री ठाकुर व श्री मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य भाजपा ने बनाया और आदिवासी विकास के विभिन्न काम हमने करवाएं।
उन्होंने भाजपा शासन काल में आदिवासी हितों के लिए होने वाले कार्य गिनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने सन 2011 में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 20% से बढ़ा कर 32% किया। कांग्रेस आज भी इस मामले पर सिर्फ राजनीति कर रही है। भाजपा ने काम किया था, आदिवासियों का अधिकार दिया था। प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण दर को सन 2003 में ₹ 450 से भी बढ़कर सन 2018 में ₹2,500 किया गया। यह वृद्धि कुल 455.55% की रही। कुपोषण से जूझ रहे आदिवासी समाज के लिए वैश्विक प्रसिद्धि अर्जित करने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्थापित कर गरीब परिवारों को ₹1 और ₹ 2 प्रति किलो की दर पर प्रति माह 35 किलो चावल का वितरण किया गया।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर और अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि भाजपा की सरकार ने घनी आदिवासी आबादी वाले संभाग बस्तर और सरगुजा में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाई और आदिवासी जीवन को पुनः शांति की दिशा दी। प्रयास आवासीय विद्यालय खोलकर लाखों आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतियोगी परीक्षा जैसे नीट और आईआईटी-जेईई की तैयारी कराई गई। कई बच्चे इन परीक्षाओं में सफल हुए है और अपने सपनों की राह पर चल पड़े हैं। बस्तर में मुख्यतः आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर जोर देने के लिए एजुकेशन सिटी और लाइवलीहुड कॉलेज बनाए गए।
प्रदेश और देश के लिए आज ये व्यवस्था एक मॉडल है जिसने समाज की विकास की राह दिखाई है। श्री ठाकुर व श्री मरकाम ने कहा कि प्रधानमंत्री आदिवासी आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 50% से अधिक आदिवासी आबादी वाले 4,029 गांव को ₹ 386.16करोड़ की राशि विकास कार्यों के लिए दी गई। महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद के चुनाव में आगे कर भाजपा ने सुनिश्चित किया कि आदिवासी समाज की एक महिला देश के सर्वोच्च पद पर हों। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित सम्मान देते हुए भाजपा की सरकार ने 15 नवंबर, बिरसा मुंडा जीकी जन्म तिथि, को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर और अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने गत 2 वर्ष में 23 अलग-अलग जनजातियों के साथ दशकों से हो रहे अन्याय को रोका औरउन्हें अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल कर उनका उचित अधिकार दिया। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की आय में वृद्धि करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य में 139 वन धन विकास केंद्रखोले। इन केंद्रों के माध्यम से लघु वनोपज की मूल्य वृद्धि कर लाखों आदिवासी बाजार से जुड़े l
1. 39 हजार बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन है? अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
कांग्रेस शासन के केवल 3 वर्षों में लगभग 39,000 आदिवासी शिशुओं (मुख्य रूप से बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के) ने अपनी जान गंवा दी और 900 गर्भवती माताओं को प्रसव के दौरान अपनी जान गवानी पड़ी, जिसका मुख्य कारण बढ़ा हुआ रक्तचाप था।
2. कांग्रेस राज में एनीमिया के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर पहुंचा, परंतु उसकी रोकथाम की दिशा में कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया?
छत्तीसगढ़ के दूरदराज के इलाकों में कुपोषण बहुत आम हो गया है, जिसमें मुख्य रूप से आदिवासी आबादी शामिल है, जिसका निवारण करने में कांग्रेस सरकार विफल रही है।
3. आदिवासी छात्रों के नामांकन में इतनी बड़ी कमी क्यों?
कांग्रेस के शासन में राज्य में औसतन आदिवासी छात्रों के कुल नामांकन में प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख नामांकन की कमी देखी गई है।
4. आदिवासी बच्चों के आवासीय विद्यालय जर्जर क्यों?
प्रयास आवासीय विद्यालय जिन्हें आदिवासी बच्चों को उच्चतम शिक्षा प्रदान करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा खोला गया था, आज कांग्रेस शासन के तहत जर्जर हालत में हैं, जिसके कारण छात्रों को वापस अपने गाँव लौटने पर मजबूर होना पड़ा है।
5. तेंदूपता की कम खरीदी एवं कम भुगतान क्यों?
राज्य गठन के बाद पहली बार, वर्ष 2020 और 2021 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को बढ़ी हुई कीमतों से अधिक लाभ नहीं मिला, क्योंकि सरकार ने क्रमशः लगभग 9.7 लाख और 13 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता ही खरीदा। कांग्रेस पार्टी ने अपनी निष्क्रियता के माध्यम से 13.76 लाख परिवार जो अपनी आजीविका के प्राथमिक स्रोत के रूप में तेंदूपत्ता परनिर्भर हैं (जिनमें से अधिकांश आदिवासी परिवार है) उनसे उनकी रोजी-रोटी छीनकर गंभीर अन्याय किया है।
6 आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा क्यों?
न केवल आदिवासियों की आजीविका के स्रोत को निशाना बनाया जा रहा है, बल्कि आदिवासियों की जमीन भी कांग्रेस नेताओं की लालची नजरों का शिकार हो गई हैं। कांग्रेस के नेताओं द्वारा आदिवासी समुदाय के लोगों की जमीन हड़पने के मामले, जिनमें स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जैसे प्रमुख नेता भी शामिल हैं, उनके कार्यकाल पर एक बड़ा धब्बा है।
7.आदिवासियों की संस्कृति छीनकर धर्मांतरण का खेल खेलने वालो को सरकार का संरक्षण क्यों?
कांग्रेस ने राज्य में, विशेषकर आदिवासी समुदाय के बीच बड़े पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण के मुद्दे को भी नजरअंदाज कर दिया है, जो राज्य से आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को खत्म कर रहा है।
8.आदिवासी छात्रावास में बच्चियों के साथ गैंग रैप क्यों?
कांग्रेस राज में लगातार छात्रावास व अन्य जगहों पर बलात्कार की घटनाएं सामने आ रही है जिसे रोकने में सरकार नाकाम रही है। अधिकतम मामलो में सरकार पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगता रहा है।
9.आदिवासियों का आरक्षण छीनने साजिश क्यों?
भाजपा की सरकार ने आदिवासी समाज का आरक्षण 20 से 32 प्रतिशत किया और भाजपा सरकार में लगातार इसका लाभ आदिवासी समाज को मिलता रहा कांग्रेस सरकार जानबूझ कर यह केस हाई कोर्ट में हारी और आरक्षण के विरुद्ध याचिका लगाने वालों को पुरुस्कृत किया राज्य मंत्री बनाया। आज भी आरक्षण का लाभ ठीक तरीके से आदिवासी समाज को नही मिल रहा है, और कांग्रेस सरकार की वजह से कई भर्ती प्रक्रियाएं प्रभावित हुई हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री ठाकुर और अजजा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्री मरकाम ने कहा कि कांग्रेस सरकार के अधिकारियों के चेतावनी देने के बावजूद भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण करने वाले को प्रेस श्रेय दिया जिसकी परिणति आज गांव-गांव में आदिवासी व प्रवर्तित धर्मावलंबियों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। सरकार को इन सब बातों का जवाब देना ही पड़ेगा। प्रेस वार्ता में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी अनुराग अग्रवाल भी उपस्थित थे।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)
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