जाति प्रमाण पर सियासी रंग चढ़ा : डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा-फर्जी OBC सर्टिफिकेट की होगी जांच! वोट बैंक के लिए बने सर्टिफिकेट

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  • Updated On - May 24, 2024 / 09:17 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासन काल में बने जाति प्रमाण पत्र की जांच होगी। गृह मंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि 5 साल में कई फर्जी सर्टिफिकेट बने हैं मुख्यमंत्री से निर्देश लेकर इनकी जांच करवाई जाएगी। इससे पहले को कांग्रेस नेता पूर्व CM भूपेश बघेल ने कहा कि जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। इसका जवाब देते हुए डिप्टी CM विजय शर्मा ने कहा कि कई फर्जी जाति प्रमाण पत्र बने हैं जिनकी जांच करवाई जाएगी।

मीडिया से चर्चा के दौरान विजय शर्मा ने कहा कि पिछले चार-पांच सालों में ओबीसी वर्ग के जाति प्रमाण बने हैं। हिंदुओं में तो जाति प्रथा थोप दी गई, ठीक है इसके बाद जातियों के आधार पर आरक्षण दिया गया जिसका स्वागत है, मगर वह धर्म जिसमें जाति व्यवस्था ही नहीं है उनमें कैसे एसटी-एससी ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र बन जाएंगे। ऐसा होने पर इन वर्गों के अधिकारों का तो हनन होगा ना।

मेरे पास प्रमाण हैं- विजय शर्मा

गृहमंत्री ने कहा कि- मेरे पास इसका प्रमाण भी है। अब ओबीसी के सर्टिफिकेट कैसे बना सकते हैं, मैं मुख्यमंत्री के ध्यान में ये विषय भी लाऊंगा, मैं पूरी कोशिश करूंगा की जांच हो, मुख्यमंत्री जी से निर्देश लेकर के जांच करेंगे।

वोट बैंक के लिए बने सर्टिफिकेट

ऐसे प्रमाण पत्र बनने से ओबीसी वर्ग के लोगों के अधिकार का हनन हुआ है। उनके अवसर कम किए गए। उनको अधिकार इसलिए देते हैं कि ओबीसी वर्ग में जितने लोग हैं उनको एक अवसर मिल पाए। उनके अपने वर्ग के बीच में आप मुझे भी लगा दो, और सब लोग आ जाएं तो उनके अवसर कम होंगे ही। मुझे लगता है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसे सर्टिफिकेट बनाए गए।

फर्जी सर्टिफिकेट से पाईं नौकरियां

  • इससे पहले भी फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से नौकरी हासिल करने और आरक्षण का फायदा उठाने के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2023 में भी ये मामला चर्चा में आया था। इस पर सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने जांच की। साल 2000 से लेकर 2020 तक फर्जी, गलत जाति प्रमाण पत्र के कुल 758 केस की जांच की गई थी।

इनमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। कोर्ट के स्टे की वजह से इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। यही वजह है कि साल 2023 में ही रायपुर में विधानसभा सत्र के दौरान दलित वर्ग के युवकों ने सड़कों पर नग्न प्रदर्शन किया था।

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