सीजीपीएससी भर्ती घोटाला : 18 अभ्यर्थियों के घरों में सीबीआई का छापा

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू कर दी है। 2021 में जिन 18 अभ्यर्थियों के चयन में धांधली का शक है,

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  • Updated On - October 14, 2024 / 08:18 PM IST

        लैपटॉप मोबाइल व बैंक खातों की जांच, पेन ड्राइव भी जब्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने छापेमारी शुरू कर दी है। 2021 में जिन 18 अभ्यर्थियों के चयन में धांधली (Rigging in selection of candidates)का शक है, उन सभी के घर छापे मारकर जांच की गई। कुछ अभ्यर्थियों के घरों में दो दिन तक तलाशी चली है। अभ्यर्थियों के घर मिले 300 से ज्यादा किताबों और नोटबुक को पढ़ा गया। मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई।

कुछ अभ्यर्थियों के घरों से हार्ड डिक्स और पैनड्राइव जब्त की गई। अभ्यर्थियों और परिजन के बैंक खाते की जांच की जा रही है। सीबीआई संदिग्ध अभ्यर्थियों व पीएससी के अधिकारियों का पिछले 5 साल का कॉल डिटेल व लोकेशन निकाल रही है। सीबीआई की टीम प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस भी गई थी। वहां के मालिक और कर्मचारियों का बयान भी दर्ज किया गया है।

300 किताबों और नोटबुक को भी पढ़ा गया

सीबीआई की टीम ने पहले पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के घर की जांच की। उसके बाद टामन के भतीजे नीतेश, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी के घरों की तलाशी ली।

ये नेता और अधिकारियों के सगे संबंधी

पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, पिछली सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा व बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस नेता के दामाद शशांक गोयल, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर के घरों की जांच की गई। उम्मीदवारों से सीबीआई ने लंबी पूछताछ भी की है। सभी उम्मीदवारों को पूछताछ के लिए अब दफ्तर बुलाने की तैयारी है।

पीएससी दफ्तर से जब्त किए थे दस्तावेज

दो माह पहले सीबीआई ने नवा रायपुर स्थित पीएससी दफ्तर में भी छापेमारी की थी। वहां से दस्तावेज, कंप्यूटर समेत परीक्षा से संबंधित कुछ रिकॉर्ड जब्त किए। दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच कराई जा रही है। चयनित अभ्यर्थियों की ओएमआर सीट भी जांच के लिए ली गई है। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

इंटरव्यू बोर्ड में किस-किस की थी ड्यूटी, इस बिंदु पर भी जांच

सीबीआई पड़ताल कर रही है कि किस अभ्यर्थी का इंटरव्यू किस बोर्ड में हुआ है। पीएससी ने इंटरव्यू के लिए तीन अलग-अलग बोर्ड बनाए थे। एक बोर्ड में तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह थे। उनके अलावा दो और बोर्ड था। सीबीआई देखे रही है कि किस बोर्ड से सबसे ज्यादा लोगों का चयन हुआ है। सदस्यों का चयनित अभ्यर्थियों या परिजन से कोई संबंध तो नहीं है। उनका 5 साल का गूगल लोकेशन से लेकर वाट्सएप चैट तक निकाला जाएगा।

ऐसे समझें पूरा विवाद सीजीपीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता व ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।