रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए सीजीपीएससी घोटाले (Cgpsc scam) की जांच सीबीआई कर रही है। इसमें हुई गड़बड़ियों के मद्देनजर शनिवार को सीबीआई ने सीजीपीएसी के पूर्व चेयमैन टामन सिंह सोनवानी (Former CGPAC Chairman Taman Singh Sonwani) को के बेटे नितेश सोनवानी, पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया है। आज शनिवार को नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को CBI ने रायपुर कोर्ट में पेश किया।
बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए 45 लाख दिए
आरोप है कि श्रवण कुमार गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका को नौकरी दिलाने के लिए चेयरमैन सोनवानी के करीबी के NGO को CSR फंड से 45 लाख दिए थे। पैसे सोनवानी को पहुंचे। इसकी पुष्टि के बाद कार्रवाई की थी।
VIP लोगों के रिश्तेदारों को सिलेक्ट करने का आरोप
CBI के मुताबिक सोनवानी के कार्यकाल में PSC में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं।
अफसरों को भी अरेस्ट कर सकती है CBI
ये भी आरोप है कि, पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और DSP जैसे पदों पर सिलेक्ट किया गया था। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, टामन के अलावा आने वाले दिनों में CBI कुछ और अफसरों को भी अरेस्ट कर सकती है।
जानिए CGPSC घोटाले के बारे में
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। EOW और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। PSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।
यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मध्य है अटूट सांस्कृतिक सम्बन्ध : CM विष्णु देव साय