छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू, किसानों के श्रम सम्मान की मजबूत पहल

इस वर्ष धान खरीदी के लिए प्रदेश में 2739 केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ किसानों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। भुगतान को आसान बनाने के लिए माइक्रो एटीएम भी लगाए गए हैं।

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  • Publish Date - November 15, 2025 / 10:41 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का अभियान आज से औपचारिक रूप से शुरू हो गया। यह अभियान 31 जनवरी तक चलेगा। राज्यभर में धान खरीदी को सुचारु और पारदर्शी बनाने के लिए पूरी व्यवस्था तैयार की गई है।

इस वर्ष धान खरीदी के लिए प्रदेश में 2739 केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ किसानों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। भुगतान को आसान बनाने के लिए माइक्रो एटीएम भी लगाए गए हैं। पहले दिन 188 केंद्रों में किसानों से कुल 18,639 क्विंटल धान खरीदा गया। खरीदी केंद्रों पर किसानों का स्वागत फूल-मालाओं से किया गया।

मुख्यमंत्री ने किसानों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि खेती-किसानी को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि तुंहर टोकन ऐप, जीपीएस आधारित परिवहन, सतर्क ऐप और कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर जैसी व्यवस्थाओं के साथ धान खरीदी को तकनीक-सक्षम और अधिक पारदर्शी बनाया गया है।

राज्यभर में मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने पूजा-अर्चना कर खरीदी की शुरुआत की। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बिलासपुर के सेंदरी केंद्र में खरीदी प्रारंभ की, जबकि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कबीरधाम के महाराजपुर केंद्र में शुभारंभ किया। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने सूरजपुर के चंद्रपुर केंद्र में और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने बलरामपुर के डौरा-कोचली केंद्र में खरीदी की शुरुआत की।

सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर के पल्ली केंद्र में पूजा कर अभियान की शुरुआत की, वहीं राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कांकेर के मालगांव केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन के साथ खरीदी शुरू की। कौशल विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने महासमुंद के झालखमरिया केंद्र में खरीदी की औपचारिक शुरुआत की।

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर किसान बिना किसी परेशानी के अपना धान बेच सके और समय पर भुगतान प्राप्त करे। पहले दिन खरीदी केंद्रों में दिखा उत्साह प्रदेश की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ धान खरीदना नहीं, बल्कि किसान के श्रम का सम्मान सुनिश्चित करना है।