झारखंड शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी रायपुर से गिरफ्तार, ACB की बड़ी कार्रवाई
By : dineshakula, Last Updated : June 19, 2025 | 3:10 pm

रायपुर : झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानिया को रायपुर से गिरफ्तार किया है। झारखंड ACB की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर रायपुर के समीप दबिश देकर उन्हें हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर की अदालत में पेश किया गया, जहां से ट्रांजिट रिमांड पर रांची ले जाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, 12 जून को एसीबी ने रांची स्थित विशेष न्यायालय से सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया था। इससे पहले एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था, लेकिन वे न तो पेश हुए और न ही कोई उत्तर दिया। इस पर एजेंसी ने सख्त रुख अपनाते हुए उनकी गिरफ्तारी की योजना बनाई।
ACB के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच के दौरान सिद्धार्थ सिंघानिया के घर छापेमारी में एक महत्वपूर्ण डायरी बरामद हुई थी। इस डायरी से झारखंड के शराब व्यापार में सिंडिकेट के माध्यम से रची गई एक गहरी साजिश का पर्दाफाश हुआ है। दस्तावेजों में शराब व्यापार में बाधा पहुंचाने वालों की पहचान कर उन्हें ‘मैनेज’ करने की रणनीति दर्ज थी, जिससे घोटाले की गंभीरता और व्यापकता सामने आई।
इस मामले में एसीबी ने गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़े कुल सात अन्य लोगों के खिलाफ भी कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया है। इनमें गुजरात की विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट से जुड़े विपिन जादवभाई परमार, महेश शेडगे, परेश ठाकोर और विक्रम सिंह ठाकोर शामिल हैं। वहीं, महाराष्ट्र की मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा. लि. से जुड़े जगन तुकाराम देसाई, कमल जगन देसाई और शीतल जगन देसाई के नाम शामिल हैं।
इन सभी को पहले ACB ने पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई भी पेश नहीं हुआ। इसके अलावा रांची के ऑटोमोबाइल व्यवसायी विनय कुमार सिंह के खिलाफ पहले से गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है।
ACB की यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि शराब घोटाले में केवल एक राज्य ही नहीं बल्कि कई राज्यों का सिंडिकेट सक्रिय था, जो संगठित तरीके से इस अवैध कारोबार को चला रहा था। मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।