दिल्ली में आयोजित ‘भारत मंथन 2025: नक्सल मुक्त भारत’ कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा के खिलाफ सरकार की नीति स्पष्ट है। अगर नक्सली हथियार डाल देते हैं, तो पुलिस गोली नहीं चलाएगी, लेकिन निर्दोष लोगों की हत्या को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार लगातार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अभियान चला रही है और यह सिर्फ हथियार से नहीं, बल्कि वैचारिक स्तर पर भी जरूरी है कि लोग समझें कि नक्सलवाद किस प्रकार से समाज को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचनी चाहिए।
कार्यक्रम में अमित शाह ने यह भी कहा कि जो लोग वामपंथी उग्रवाद को विकास की कमी से जोड़ते हैं, वे भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नक्सली खुद विकास कार्यों में बाधा डालते हैं, जैसे कि स्कूल और सड़क निर्माण में लगे कॉन्ट्रैक्टर्स की हत्या करना। उन्होंने सवाल उठाया कि देश के तथाकथित बुद्धिजीवी उन आदिवासियों के लिए क्यों नहीं बोलते जो नक्सल हिंसा का शिकार होते हैं।
अमित शाह ने ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ की भी सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से गरीबों के लिए अनेक योजनाएं शुरू हुई हैं, लेकिन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन्हें लागू नहीं होने दिया जाता। उन्होंने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि ऐसे इलाकों को नक्सल मुक्त बनाया जाए और वहां शांति और विकास सुनिश्चित किया जाए।
