शराब घोटाले में बड़ा दावा EOW की चार्जशीट में भूपेश बघेल के बेटे को 250 करोड़ मिलने का आरोप

ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में कहा गया है कि सिंडिकेट के जरिए जुटाई गई रकम को अलग अलग माध्यमों से निवेश किया गया. इसमें रियल एस्टेट और अन्य कारोबार का जिक्र भी किया गया है.

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 01:15 PM IST

Chhattisgarh Liquor Scam :: छत्तीसगढ़  के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor scam) में नया और बड़ा दावा सामने आया है. आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा की ओर से रायपुर की स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित तौर पर 200 से 250 करोड़ रुपए की अवैध रकम मिली. यह रकम एक संगठित वसूली सिंडिकेट के जरिए हासिल की गई बताई गई है.

चार्जशीट के मुताबिक यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच अंजाम दिया गया. आरोप है कि उस दौरान आबकारी व्यवस्था के भीतर एक समानांतर सिस्टम काम कर रहा था, जिसमें शराब कारोबार से अवैध वसूली की जाती थी. जांच एजेंसी का दावा है कि चैतन्य बघेल इस पूरे नेटवर्क के अहम हैंडलर थे और पैसों के प्रबंधन की जिम्मेदारी उन्हीं के पास थी.

ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में कहा गया है कि सिंडिकेट के जरिए जुटाई गई रकम को अलग अलग माध्यमों से निवेश किया गया. इसमें रियल एस्टेट और अन्य कारोबार का जिक्र भी किया गया है. एजेंसी का यह भी दावा है कि पूरे नेटवर्क को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला हुआ था, जिससे लंबे समय तक यह व्यवस्था चलती रही.

बताया गया है कि अब तक इस मामले में कई चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं और कई अधिकारी तथा कारोबारी आरोपी बनाए गए हैं. शराब घोटाले की कुल राशि हजारों करोड़ रुपए आंकी जा रही है, जिसे राज्य के सबसे बड़े आर्थिक अपराधों में से एक माना जा रहा है.

इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. जहां विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है, वहीं जांच एजेंसियों का कहना है कि चार्जशीट तथ्यों और सबूतों के आधार पर दाखिल की गई है.

फिलहाल स्पेशल कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है. आने वाले दिनों में इस हाई प्रोफाइल केस में और नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है, जिससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल और बढ़ सकती है.