रायपुर, 26 अगस्त 2025 : छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने मंगलवार को रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में छठवां अभियोग-पत्र पेश किया। इस अभियोग पत्र में FL-10 A/B लाइसेंस प्रणाली के दुरुपयोग और सिंडिकेट बनाकर किए गए घोटाले का पर्दाफाश किया गया है।
14 करोड़ की राशि विजय भाटिया को
EOW की रिपोर्ट के अनुसार, ओम साई ब्रेवरेज प्रा. लि. से जुड़े विजय कुमार भाटिया को इस शराब घोटाले में 14 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है। भाटिया ने यह राशि अलग-अलग फर्जी खातों और डमी डायरेक्टरों के माध्यम से निकाली।
वहीं, नेक्सजेन पावर इंजिटेक प्रा. लि. से जुड़े संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह को 11 करोड़ रुपए मिले।
FL-10A/B लाइसेंस के नाम पर घोटाला
EOW का दावा है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह सिंडिकेट बनाया गया, जिसने FL-10 A/B लाइसेंस प्रणाली लागू कर बड़े पैमाने पर घोटाला किया।
इस घोटाले में शामिल प्रमुख अधिकारी और व्यापारी थे:
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अनिल टुटेजा (प्रशासनिक अधिकारी)
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अरुणपति त्रिपाठी
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निरंजन दास
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अनवर ढेबर
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विकास अग्रवाल
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अरविंद सिंह
इन लोगों ने मिलकर एक संगठित सिंडिकेट बनाया, जिसके माध्यम से शासकीय शराब दुकानों में शराब की सप्लाई, विदेशी शराब वितरण और अवैध कमीशन की वसूली की सुनियोजित व्यवस्था बनाई गई।
सरकार को 248 करोड़ का नुकसान
EOW की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2020-21 में लागू नई आबकारी नीति के अंतर्गत तीन निजी कंपनियों को विदेशी शराब की सप्लाई का ठेका दिया गया:
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ओम साई ब्रेवरेज प्रा. लि.
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नेक्सजेन पावर इंजिटेक प्रा. लि.
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दिशिता वेंचर्स प्रा. लि.
इन कंपनियों को अनुचित तरीके से ठेका दिए जाने से सरकार को लगभग 248 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण
EOW की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह पूरा सिंडिकेट 2020 से 2023 तक राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण के बल पर कार्य करता रहा।
EOW अधिकारियों ने कोर्ट में बताया कि विजय भाटिया, संजय मिश्रा, मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि हो चुकी है।
इसके अतिरिक्त, विदेशी शराब की सप्लाई और कमीशन वसूली से संबंधित अन्य पहलुओं की जांच अभी भी जारी है। संबंधित अन्य अभियुक्तों पर अलग अभियोग पत्र पेश किया जाएगा।
