निर्माण की गुणवत्ता और समय-सीमा में काम सुनिश्चित कराने उच्च स्तरीय निगरानी समिति का गठन
नगरीय निकायों के कार्यों में आएगी तेजी, नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा समिति के गठन का आदेश जारी
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर दे रहे हैं विशेष जोर
रायपुर. 14 जुलाई 2024. राज्य शासन ने नगरीय निकायों में निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराने तथा परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा के लिए विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति (Departmental High Level Monitoring Committee) (DHLMC) का गठन किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मंत्रालय से समिति के गठन का आदेश जारी किया है। विभाग ने समिति के कर्तव्यों और समीक्षा की प्रक्रिया निर्धारित करते हुए संबंधितों को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव (Minister Arun Sao) निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। उन्होंने विभागीय समीक्षा बैठकों में इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया है।
सूडा (State Urban Development Agency) स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी समिति के नोडल अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी या उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे। निगम स्तर पर नोडल अधिकारी संबंधित आयुक्त, और वरिष्ठतम अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। वहीं क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर संयुक्त संचालक नोडल अधिकारी और कार्यपालन या अधीक्षण अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी नोडल अधिकारी और वरिष्ठतम अभियंता समिति के सहायक नोडल अधिकारी होंगे।
नगरीय निकायों के नोडल अधिकारी हर 15 दिनों में परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर ऑनलाइन पोर्टल में कार्यवाही विवरण दर्ज करेंगे। नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में 45 दिनों में संचालनालय/सूडा स्तर पर समीक्षा की जाएगी। नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों की निकाय स्तर पर समीक्षा के बाद हर माह क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रगति की समीक्षा की जाएगी। वहीं नगर निगमों में निकाय स्तरीय समीक्षा के बाद हर महीने संचालनालय/सूडा स्तर पर समीक्षा की जाएगी। शासन स्तर पर उप सचिव द्वारा प्रत्येक तिमाही में प्राप्त प्रतिवेदनों की समीक्षा की जाएगी। अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति का स्थल निरीक्षण भी किया जाएगा।
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