वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 दिसंबर को घुई वन परिक्षेत्र के जंगल में एक बाघ का शव मिला था। शव की स्थिति और उसके कुछ अंग गायब होने से यह साफ हो गया था कि बाघ का शिकार किया गया है। इसके बाद विशेष टीम बनाकर मामले की जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान खोजी कुत्ते की मदद ली गई जो सीधे भैसमुड़ा गांव में महिला सरपंच के घर तक पहुंचा। तलाशी के दौरान वहां से बाघ के नाखून बाल और मांस के अवशेष बरामद किए गए। साथ ही बिजली का तार और अन्य उपकरण भी मिले जिनका इस्तेमाल जानवरों के शिकार में किया जाता है।
पूछताछ में सामने आया कि जंगल में बिजली का तार बिछाकर जाल लगाया गया था और इसी कारण बाघ की मौत हुई। महिला सरपंच को पहले गिरफ्तार किया गया जबकि उसके पति समेत अन्य छह आरोपियों को बाद में हिरासत में लिया गया।
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में स्थानीय गांवों के निवासी शामिल हैं। सभी आरोपियों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि संरक्षित वन्यजीवों के खिलाफ अवैध शिकार एक गंभीर समस्या बना हुआ है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
