चिंतन शिविर 2.0: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया नीति-निर्माण का प्रभावशाली मंच

By : dineshakula, Last Updated : June 8, 2025 | 6:56 pm

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu deo Sai) ने ‘चिंतन शिविर 2.0’ को शासन की दिशा तय करने और नीतियों को सशक्त बनाने का एक प्रभावशाली मंच बताया है। उनका कहना है कि इस प्रकार के उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सत्र प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नया दृष्टिकोण लाते हैं और मंत्रिमंडल को बेहतर नेतृत्व कौशल प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

आईआईएम रायपुर में आयोजित इस दो दिवसीय शिविर के पहले दिन मुख्यमंत्री साय सहित राज्य के सभी मंत्री शामिल हुए। सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विमर्श हुआ।

आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने अपने संबोधन में भगवद्गीता के श्लोकों के माध्यम से निष्काम कर्म, नैतिक प्रशासन और नेतृत्व के आदर्शों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “कार्य फल की आशा से नहीं, बल्कि धर्म और नैतिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।”

भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने “संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण” पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत की एकता केवल भौगोलिक सीमाओं में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना में भी निहित है। उन्होंने कहा कि सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक आधारों को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की कसौटी बताया।

मुख्यमंत्री साय ने विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि चिंतन शिविर शासन को ऊर्जा, दिशा और गहराई देने का कार्य करता है। उन्होंने इसे नीति निर्माण के लिए अत्यंत प्रेरणादायक और उपयोगी अनुभव बताया।