मोहन भागवत के बयान पर CM भूपेश का पलटवार, बोले धर्म चुनने का सबको अधिकार

By : madhukar dubey, Last Updated : November 15, 2022 | 7:50 pm

छत्तीसगढ़। एक दिन पूर्व आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के धर्मांतरण के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश ने पलटवार किया है। इसके बाद प्रदेश की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है। धर्म बदलने में उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई, बशर्ते ये जबरिया न हो। भूपेश बघेल मंगलवार को भेंट मुलाकात के कार्यक्रम में शामिल होने डोंगरगढ़ जा रहे थे। इससे पहले मीडिया से उन्होंने इस मसले पर बयान दिया।

धर्म और जाति के बदलने पर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- जाति तो बाय बर्थ मिलती है। उसे बदल नहीं सकते। जिस जाति में जन्म लिए उसी परिवेश में रहते हैं,उसे बदल नहीं सकते। लेकिन धर्म चुनने का अधिकार सबको है। पहले राजतंत्र था तो राजा का दंड, सिक्का और धर्म होता था इसे प्रजा मानती थी। वो समय बीत गया है, अब ये प्रजातंत्र में धर्म चुने का अधिकार सबको है। सीएम ने आगे कहा जबरिया कोई धर्मांतरण कराए तो कठोर कारवाई का प्रावधान है । हमारी सरकार में नियम है। हमने कार्रवाई की है। शिकायतें मिली हैं तो जांच हुई है, जिम्मेदारों पर एक्शन लिया गया है। कहीं भी जबरिया धर्मांतरण हो रहा है उसकी जानकारी हो तो कार्रवाई करेंगे।

जशपुर में दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के आनवरण पर मोहन भागवत ने कहा

जशपुर में दिलीप सिंह जुदेव की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक सभा में मोहन भागवत धर्मांतरण पर बगैर किसी का नाम लिए आदिवासियों से कहा- ‘हमारे भोलेपन का लाभ लेकर ठगने वाले लोगों से सावधान रहना है। ठगने वाले बहुत लोग हैं’। ”अब हमको जागना है. अपने देश, धर्म के लिए पक्का रहना है। हमें अपने १६ संस्कारों और देवी-देवताओं को नहीं भूलना है। दिलीप सिंह जूदेव की तरह काम करना है।

भूपेश बघेल बोले, भागवत जी रमन सिंह से पूछे, उनके कार्यकाल में कितने धर्मांतरण हुए थे

मोहन भागवत धर्म परिवर्तन पर न बोलें। उन्हें पूर्व सीएम रमन सिंह से जानकारी लेनी चाहिए कि उनके शासन (२००३ से २०१८) में कितनी चर्च बनीं। अगर उनके पास जानकारी नहीं हो, तो मैं उपलब्ध करा सकता हूं, भूपेश बघेल ने कहा कि जहां भी ईसाई होंगे, वहां चर्च बनेगी। इसे ऐसे नहीं कह सकते कि जहां भी चर्च होंगे, वहां ईसाई होंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी स्थान पर सिख रहते हैं, तो निश्चित तौर पर वहां गुरुद्वारा भी होगा. उन्होंने कहा कि चर्च, गुरुद्वारा या अन्य धार्मिक स्थल तभी अधिक बनते हैं, जब उनको मानने वाले लोग अधिक हों।