रायपुर: यहां वंदेभारत ट्रेन संचालन को पूरी तरह से राजनीति रंग दे दिया गया। सिर्फ भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही इसमें शामिल हुए और ट्रेन का स्वागत किया। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री को औपचारिक निमंत्रण तक नहीं दिया। इस बात का खुलासा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महासमुंद भेंट मुलाकात में जाने से पूर्व रायपुर में पत्रकारों से किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के रेल विभाग ने छत्तीसगढ़ में ऐसा दूसरी बार किया है। अंतागढ़ से ट्रेन संचालन की सूचना भी उनको नहीं दी गई थी।
उन्होंने कहा, रेल विभाग ने अभी अंतागढ़ से ट्रेन शुरू किया तब भी मुझे कोई सूचना नहीं दी गई थी। छत्तीसगढ़ से ही ट्रेन शुरू हो रही है नागपुर जा रही है, उसमें भी कोई सूचना नहीं है। वह जिस प्रदेश से रेल चला रहा है, उस प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक सूचना तक नहीं दे रहा है। कार्ड छपवाना तो दूर की बात है। सूचना तक देना मुनासिब नहीं समझा। यह एक बार नहीं है, ऐसा दूसरी बार किया है।
सीएम ने आगे कहा कि ३०-३०-४० ट्रेन तो महीनों बंद रही। तब सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमन के मुंह से एक शब्द नहीं निकला। एक ट्रेन शुरू हो गई तो पूरे छत्तीसगढ़ को सर पर उठा लिया। हम भी बधाई देते हैं, अच्छा है। एक नहीं १० चले। पहली बात तो किराया कम होना चाहिए और दूसरी बात यह है कि जो ४० ट्रेनें बंद हुई हैं उसपर इनके सांसद चुप क्यों हैं। इतने दिनों तक चुप क्यों रहे। हमारे लोग मांग करते रहे लेकिन सांसद अरुण साव एक शब्द नहीं बोले। राजनांदगांव के सांसद भी एक शब्द नहीं बोले और न रमन सिंह ने कुछ कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा, वंदे भारत शुरू हुआ है। प्रदेश को सौगात दिया है प्रधानमंत्री ने। लेकिन किराया इतना अधिक है कि आम आदमी इसमें चढ़ नहीं सकता उसमें। बड़े लोग चढ़ेंगे उसमें, पइसे वाला लोग चढ़ेंगे। जो मध्यम वर्गीय लोग, गरीब लोग हैं, लोवर मीडिल क्लास के हैं वे जिन ट्रेनों में यात्रा करते थे उसे तो बंद कर दिया।