कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षियों का व्यापक सर्वेक्षण शुरू
By : hashtagu, Last Updated : November 27, 2022 | 11:10 am
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी में देश के 11 राज्यों के 56 विशेषज्ञों को शामिल करते हुए तीन दिवसीय पक्षी गणना का कार्य शुक्रवार से शुरू हुआ।
उन्होंने बताया कि पहाड़ियों से घिरे और साल के पेड़ों से आच्छादित कांगेर घाटी का जंगल तीरथगढ़ जलप्रपात और कुटुमसर की गुफाओं के लिए भी प्रसिद्ध है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर ने बताया कि सर्वेक्षण से राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले पक्षियों की आदतों और उनकी आबादी का पता लगाने में मदद मिलेगी, जिससे इसका ठीक तरह से प्रबंधन हो सकेगा।
गणवीर ने बताया कि ‘बर्ड काउंट इंडिया’ और ‘वाइल्ड लाइफ ऑफ छत्तीसगढ़’ के सहयोग से राज्य में पक्षियों का यह पहला ऐसा सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में ई-बर्ड एप्लिकेशन के साथ ट्रेल सर्वेक्षण पद्धति का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पक्षी विशेषज्ञ लगे हुए हैं।
गणवीर ने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता, जैव विविधता, गुफाओं के लिए मशहूर कांगेर घाटी में भारत के पश्चिमी घाट और पूर्वी हिमालय में पाए जाने वाले पक्षियों का भी घर है।
उन्होंने कहा कि इस कार्य के मुख्य उद्देश्यों में से एक राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की संख्या की भी जानकारी लेना है जो पहले विलुप्त होने के कगार पर थी, लेकिन अब इसकी आबादी बढ़ने की सूचना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या माओवादियों से सर्वेक्षण कार्य को खतरे की आशंका है, अधिकारी ने इससे इनकार किया।