छत्तीसगढ़। भानुप्रतापपुर सहित विधानसभा के सभी पांचों उपचुनावों में विजय का डंका बजाने के बाद अब कांग्रेस मिशन 2023 को कामयाब बनाने के लिए एक्शन में आ गई। इसके पीछे सबसे कारण यह भी है कि हिमाचल प्रदेश में छत्तीसगढ़ की गारंटी वादों पर वहां की जनता ने कांग्रेस को प्रचंड बहुमत दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि अब राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो गई है। लिहाजा, बने इस लहर को कायम रखने और अगले साल के विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करने के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमर कस चुकी है। यही कारण है कि 19 दिसंबर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। जिसमें प्रमुख रूप से प्रदेश के सहप्रभारी डॉक्टर चंदन यादव और सप्तगिरी उल्का भी शामिल होंगे।
इस दौरान इसमें २६ जनवरी से प्रस्तावित हाथ जोड़ो यात्रा की रूपरेखा तय की जाएगी। इसी बैठक में फरवरी में प्रस्तावित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों पर भी बात होगी। क्योंकि छत्तीसगढ़ में यह कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन है। वहीं मिशन-2023 को कामयाब बनाने के लिए सभी प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य और जिलाध्यक्ष अपनी-अपनी राय रखेंगे। इस बैठक में विचार मंथन से निकली चीजों को लागू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के बहाने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम प्रदेश की जनता का नब्ज भी टटोलेंगे। साथ ही कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए रणनीति भी बताएंगे। ताकि चुनावी दंगल में विरोधियों को पस्त किया जा सके। इसके अलावा भूपेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर मिल रहे लाभ के बारे में जनता को कैसे बताया जाए। यानी भूपेश सरकार के कामकाज के प्रचार-प्रसार पर भी विचार किया जाएगा। वहीं केंद्र की मोदी सरकार की नाकामियों को भी जनता को बताने का काम किया जाएगा। गैस, पेट्रोल सहित अन्य वजहों से बढ़ी महंगाई से होने वाले आम लोगों को भी बताने का काम किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इसमें सभी जिलों के अध्यक्ष अपने-अपने संगठन के काम काज का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत करेंगे। यह बताएंगे, पार्टी को किस जिले में किन बिंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही अभी तक कांग्रेस के सदस्यता अभियान में कितने लोगों को जोड़ा गया। यानी कुल मिलाकर संगठन और आगे की रणनीति पर भी ध्यान देने पर जोर होगा। सूत्रों के मुताबिक सभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने बूथों पर चौकस रहने के फंडे भी बताए जाएंगे। इसमें नये वोटरों के नाम मतदाता सूची में अपडेट कराने के भी निर्देश दिए जाएंगे।
देवती कर्मा-छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी होने के नाते वह उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहीं हैं। झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा शहीद हुए थे। अनिता शर्मा-झीरम घाटी में नक्सली हमले से शहीद हुए कांग्रेस नेता स्वर्गीय योगेंद्र शर्मा की पत्नी हैं। अंबिका सिंहदेव-अपने दिवंगत चाचा और प्रथम वित्तमंत्री रामचंद्र सिंहदेव की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। शकुंतला साहू व रश्मि सिंह-अपने सरपंच रहे माता-पिता की राजनीति को विधायक बनकर आगे बढ़ा रही हैं। संगीता सिन्हा-अपने विधायक रहे पति भैयाराम सिन्हा की राजनीति को आगे बढ़ा रही हैं। सावित्री मंडावी- भानुप्रतापपुर की नवनिर्वाचित विधायक सावित्री मंडावी पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष दिवंगत मनोज मंडावी की पत्नी हैं।