रायपुर। कांग्रेस की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ में शराब की खपत में कमी आई है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि रमन सरकार ने छत्तीसगढ़ में शराब का सरकारीकरण कर प्रदेश में शराब की खपत (Alcohol Consumption) को बढ़ावा दिया। भाजपा सरकार का उद्देश्य शराब से राजस्व को बढ़ाकर ज्यादा मुनाफा कमाना था। रमन राज छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब की खपत में गोवा के बाद पहले नंबर पर था, कांग्रेस सरकार के पांच सालों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में छत्तीसगढ़ 18वें नंबर पर आ गया है। राज्य में शराब की खपत कम करने कांग्रेस सरकार ने 100 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया। आज छत्तीसगढ़ में 2018 की अपेक्षा अंग्रेजी शराब की खपत में 15 फीसदी और देशी शराब की खपत में 10 प्रतिशत की कमी आई है।
1. शराब का सरकारीकरण क्यों किया था? आखिर वह कौन से कारण थे जिसके चलते शराब बिक्री का व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी हाथों में लेना पड़ा?
2. रमन राज के 15 साल में प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या में 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी क्यों हुई थी? शराब की दुकाने ज्यादा खोलने के पीछे का आपका मकसद क्या था?
3. 2017 में यह बयान था कि भले चुनाव हार जाऊं लेकिन शराब बंदी लागू करूंगा, फिर क्यों शराब बंदी नहीं लागू किया था?
4. रमन सिंह के सरकार में होटल, बार में शराब परोसने के लिये बच्चियों, बेटियों को ट्रेनिंग क्यों दी जा रही थी?
5. छत्तीसगढ़ की शराब नीति में बदलाव क्यों किया था? इससे किसको फायदा पहुंचा था?
6. क्या यह सच नहीं है कि रमन सिंह ही के शासनकाल में शराब से मिलने वाला राजस्व 400 करोड़ रूपए से बढ़ते-बढ़ते 5000 करोड़ के आसपास पहुंच गया था? शराब बिक्री की इस अप्रत्याशित वृद्धि की वजह क्या थी?
7. प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है कि रमन सरकार में शराब बिक्री के सरकारीकरण होते ही बियर का एक विशेष ब्रांड ही हर दुकान में क्यों बिकता था और उस ब्रांड का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ क्या संबंध है?
8. 4400 करोड़ के शराब घोटाला के बारे में कोई जवाब क्यों नहीं देते?
9. एक ही अधिकारी को संविदा बढ़ाकर 9 साल तक शराब के कारोबार का जिम्मा क्यों देकर रखा था?
10. रमन मंत्रिमंडल की बैठक में आपके सहयोगी मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे ने कहा था शराब की कमीशन के हर साल मिलने वाला 1500 करोड़ किसके पास जायेगा? रमन सिंह जी बताईये यह 1500 करोड़ की रकम प्रतिवर्ष किसकी जेब में गयी?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ को शराब मुक्त करने के लिये प्रतिबद्ध। छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा चलाये जा रहे जनजागरण और शराब की खपत को हतोत्साहित करने का परिणाम है कि जो छत्तीसगढ़ रमन राज में प्रति व्यक्ति शराब की खपत में गोवा के बाद पहले नंबर पर था वह अब 18वें नंबर पर है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि हम छत्तीसगढ़ में नोटबंदी के समान शराब बंदी नहीं लागू करेंगे ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आये। इसके लिये जनजागरण चलाकर लोगों की शराब की लत छुड़वा कर शराब बंदी लागू की जायेगी ताकि 7 राज्यों से घिरे छत्तीसगढ़ में शराब बंदी एक अभिशाप के रूप में सामने न आये।
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