छत्तीसगढ़। भारत जोड़ो अभियान की तर्ज पर (haath se haath jodo) ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान से कांग्रेस छत्तीसगढ़ (Congress Chhattisgarh) विधानसभा चुनाव में बाजी अपने नाम करने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। यही कारण है कि प्रदेश में हर ब्लॉकवार हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की शुरूआत करने जा रही है। इसके जरिए कांग्रेस एक ओर जहां जनता के बीच बीजेपी के केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों को लेकर जाएगी। वहीं दूसरी ओर जिन विधायकों को टिकट कट गया था, उनको इस अभियान को सफल बनाने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में जिलेवार नियुक्त किया गया है। इसका फायदा कांग्रेस को यह मिलेगा कि वे भी अपने जनाधार को आगामी विधानसभा चुनाव में वोट के रूप में तब्दील करेंगे। यही कारण है कांग्रेस ने पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्री की सूची जारी की है।
यह मोर्चा हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का है। इसमें ऐसे २० नेताओं को जिलों का पर्यवेक्षक बनाया गया है, जो पहले विधायक और मंत्री रह चुके हैं। २०१८ के विधानसभा चुनाव में भी ये नेता टिकट के दावेदार थे, लेकिन उनका टिकट कट गया था। कुछ सीटिंग विधायक अपना चुनाव हार गये थे। कांग्रेस २६ जनवरी से हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू कर रही है। इसके लिए यात्राएं निकाली जाएंगी। इसका मकसद भारत जोड़ो यात्रा का संदेश बूथ-बूथ तक पहुंचाना है। लेकन छत्तीसगढ़ में इसके जरिये पार्टी चुनाव में उतरने से पहले अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को चार्ज करना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री अमरजीत चावला ने बुधवार को पर्यवेक्षकों की सूची जारी की। हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के प्रदेश पर्यवेक्षक अरुण यादव और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम गुरुवार ११.३० बजे प्रदेश कार्यकारणी, जिला अध्यक्षों और जिला पर्यवेक्षको की बैठक लेने वाले हैं। इसके लिए सभी पर्यवेक्षकों को रायपुर बुलाया गया है। अरुण यादव बुधवार देर शाम रायपुर पहुंच रहे हैं। वे कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे।
इस सूची में पूर्व विधायक हरषद मेहता, प्रतिमा चंद्राकर, गुरुमुख सिंह होरा, अंबिका मरकाम, शिव नेताम, बदरुद्दीन कुरैशी, प्रदीप चौबे, भोलाराम साहू, धनेश पाटिला, गिरवर जंघेल का नाम है। इस सूची में पूर्व विधायक सियाराम कौशिक, शंकर लाल ध्रुवा, शंकर सोढ़ी, भैयाराम सिन्हा, चंद्रपकाश वाजपेयी, चुन्नीलाल साहू, दिलीप लहरिया, वैजनाथ चंद्राकर, महंत रामसुंदर दास, मोतीलाल देवांगन जैसे नेताओं का नाम है। इनमें से गुरुमुख सिंह होरा, बदरुद्दीन कुरैशी, गिरवर जंघेल, दिलीप लहरिया, मोतीलाल देवांगन २०१८ का विधानसभा चुनाव हार गये थे। सियाराम कौशिक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से प्रत्याशी थे और अपनी बिल्हा सीट गंवा बैठे। भैयाराम सिन्हा की जगह उनकी पत्नी संगीता सिन्हा को प्रत्याशी बनाया गया था, वे जीतकर विधायक बनीं। दूसरे नेता टिकट के दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने दूसरे नेताओं पर भरोसा किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में ३०७ ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां एक दिन में कम से कम १० किमी यात्रा करेंगी। एक दिन में कम से कम तीन हजार किमी यात्रा होगी। ऐसे में ३० दिन में ९० हजार किमी से अधिक यात्रा चलेगी। पदयात्रा का आयोजन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी करेगी। यह जनसंवाद कार्यक्रम सफल भारत जोड़ो यात्रा का विस्तार होगा। पदयात्रा का आयोजन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा किया जाएगा। यह विशाल अभियान पदयात्रा के रूप में देश के सभी ग्राम पंचायतों, गांवों और मतदान केंद्रों तक जायेगा।