धमतरी की मिट्टी ने 25 सालों में दिखाया खेती का चमत्कार, किसानों की मेहनत से आत्मनिर्भरता और समृद्धि का नया युग

धमतरी के किसानों ने पहली बार चना उपार्जन के जरिये हर घर में खुशी और मुस्कान ला दी है।

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  • Updated On - September 2, 2025 / 02:40 PM IST

धमतरी: धमतरी (Dhamtari) की मिट्टी ने पिछले 25 वर्षों में वह हासिल किया है जो कभी सिर्फ एक सपना था। जहां पहले खेती केवल एक पारंपरिक काम था, वहीं आज यह आत्मनिर्भरता और समृद्धि की नई मिसाल बन चुकी है। इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण है धान की कीमतों में भारी बढ़ोतरी—पहले जहां धान का दाम 540 रुपये प्रति क्विंटल था, आज वह 3,100 रुपये तक पहुंच चुका है। यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि किसान की कड़ी मेहनत और जज़्बे का सम्मान है।

धमतरी के किसानों ने पहली बार चना उपार्जन के जरिये हर घर में खुशी और मुस्कान ला दी है। साथ ही, जैविक खेती की ओर बढ़ते कदम ने न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बचाई है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बड़ा योगदान दिया है।

धमतरी के हर खेत में ये कहानी बयां होती है कि जब जज़्बा हो तो बदलाव संभव है। किसानों की लगन और नवीन तरीकों ने इस क्षेत्र को कृषि की समृद्धि का केंद्र बना दिया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

यह बदलाव न केवल आर्थिक तौर पर किसानों को मजबूत बनाता है, बल्कि ग्रामीण जीवन में खुशहाली और सतत विकास की उम्मीद भी जगाता है। धमतरी की मिट्टी ने साबित कर दिया है कि सही दिशा और मेहनत से कृषि क्षेत्र में चमत्कार संभव हैं।