दुर्ग (छत्तीसगढ़): दुर्ग जिला चिकित्सालय में नसबंदी (sterlization) के दौरान बड़ा हादसा हो गया। नसबंदी कराने आईं दो महिलाओं की मौत हो गई। दोनों ही दो-दो बच्चों की मां थीं। एक महिला ने कुछ घंटे पहले ही बच्चे को जन्म दिया था। प्रारंभिक जांच में इंजेक्शन की भूमिका पर शक जताया जा रहा है, जबकि परिजन डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
पहला मामला बजरंग नगर निवासी 28 वर्षीय पूजा यादव का है। पूजा शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के साथ जिला अस्पताल पहुंची थी। नसबंदी का ऑपरेशन पूरा होने के बाद शाम करीब चार बजे उसे झटके आने लगे। कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो गई। पति विकास यादव ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही से पत्नी की जान गई। उन्होंने कहा, “हमने सोचा यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन अचानक झटके लगे और सब खत्म हो गया।”
दूसरी मौत सिकोला भांठा निवासी 26 वर्षीय किरण यादव की हुई। किरण ने शनिवार सुबह सिजेरियन डिलीवरी से बच्चे को जन्म दिया था। शाम को उसने नसबंदी करवाई, लेकिन इंजेक्शन लगने के कुछ ही मिनटों बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसे झटके आए और शरीर अकड़ गया। डॉक्टरों ने कोशिश की, पर उसे बचाया नहीं जा सका।
अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दोनों मामलों में नसबंदी के दौरान लगाए गए इंजेक्शन के रिएक्शन से महिलाओं की तबीयत बिगड़ी। दुर्ग जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. आशीषन मिंज ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इंजेक्शन को मौत की संभावित वजह माना गया है। इंजेक्शन के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है।
इस दर्दनाक घटना के बाद अस्पताल परिसर में परिजनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। स्वास्थ्य विभाग ने जांच समिति गठित कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
