रावतपुरा मेडिकल कॉलेज मान्यता घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई डिजिटल सबूत मिले फर्जी तैयारियों का पूरा नेटवर्क बेनकाब

ईडी ने यह जांच सीबीआई की एसी थ्री शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की है।

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  • Publish Date - November 29, 2025 / 01:00 PM IST

रायपुर : रावतपुरा मेडिकल कॉलेज (Rawatpura Medical College) सहित देश के कई राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में मान्यता घोटाले की जांच में ईडी ने कार्रवाई तेज कर दी है। 27 नवंबर को छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में ईडी की टीमों ने एक साथ रेड की। टीमों को कई कॉलेजों में डिजिटल साक्ष्य मिले हैं जिन्हें तकनीकी टीम जांच रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार इन साक्ष्यों में मान्यता निरीक्षण से पहले गोपनीय जानकारी लीक होने और फर्जी तैयारियों की पूरी प्रक्रिया से जुड़े डेटा शामिल हैं।

ईडी ने यह जांच सीबीआई की एसी थ्री शाखा द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की है। एफआईआर में निजी मेडिकल कॉलेजों, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों और बिचौलियों के नेटवर्क द्वारा निरीक्षण प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और हेरफेर करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। सीबीआई की जांच में सामने आया कि निरीक्षण से पहले ही कॉलेजों को गोपनीय जानकारी मिल जाती थी जिसके आधार पर वे दिखावटी तैयारियां करके मान्यता हासिल कर लेते थे।

ईडी टीम रायपुर पहुंची तो रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी से भी पूछताछ की गई। अतुल तिवारी को इससे पहले सीबीआई गिरफ्तार कर चुकी है और वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार रावतपुरा कॉलेज में सीट बढ़ाने के नाम पर बड़ी रकम का लेनदेन हवाला के जरिए हुआ था और मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा होने के कारण ईडी की एंट्री हुई।

30 जून 2025 को एनएमसी की डॉक्टर्स टीम ने रावतपुरा मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था। उस समय कॉलेज में 150 सीटें थीं और टीम में डॉक्टर मंजप्पा सीएन, डॉक्टर चैत्रा एमएस और डॉक्टर अशोक शेलके शामिल थे। अब ईडी द्वारा मिले डिजिटल साक्ष्य इस घोटाले की पूरी परतें खोलने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।