रायपुर/बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग (Bastar Division) में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश और बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा मकान ढह गए हैं। 2196 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है।
सबसे ज्यादा असर दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और बस्तर जिलों में देखा गया है।
100 से ज्यादा गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं।
15 से ज्यादा पुल-पुलिए टूटे, कई सड़कें बंद।
50 करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान का अनुमान।
NH-30 पर दरभा घाटी में बाढ़ में कार बहने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत।
वायुसेना और SDRF रेस्क्यू में जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों में तेजी से राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।
राजस्व सचिव रीना कंगाले ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 4 जिलों में 43 राहत शिविर बनाए गए हैं।
दंतेवाड़ा: 1116 लोग
सुकमा: 790 लोग
बीजापुर: 120 लोग
बस्तर: 170 लोग
अब तक 5 लोगों और 17 पशुओं की मौत की पुष्टि हुई है।
भारी बारिश के कारण इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे शंखनी-डंकनी नदियों का पानी नहीं बह पाया और आसपास के गांवों में पानी भर गया। 53 साल बाद डंकनी नदी में ऐसा उफान देखा गया।
जगदलपुर-चित्रकोट मार्ग पूरी तरह बंद।
दंतेवाड़ा का संपर्क लगभग सभी गांवों से टूटा।
बीजापुर-हैदराबाद रोड भी बंद।
बस्तर में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड बारिश:
सुकमा: 210 मिमी
बास्तानार: 200 मिमी
लोहांडीगुड़ा: 190 मिमी
बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर सिस्टम के कारण अगले दो दिन और भारी बारिश की संभावना।
कोंडागांव और कांकेर में यलो अलर्ट।
13 जिलों में बादल, बिजली और तेज हवा को लेकर चेतावनी जारी।