इंडिगो कांड : आईबी अफसर को ही रायपुर पुलिस ने भेज दिया जेल, ये है पूरा मामला

एक आईबी अफसर खुद की पहचान बता रहा था लेकिन रायपुर पुलिस ने नहीं मानी और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले की सूचना पर हड़कंप

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  • Updated On - December 9, 2024 / 08:55 PM IST

  • बम होने की सूचना देने की रिपोर्ट गलत साबित होने पर पुलिस ने की थी कार्रवाई

रायपुर। एक आईबी अफसर(IB officer) खुद की पहचान बता रहा था लेकिन रायपुर पुलिस ने नहीं मानी और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले की सूचना पर हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल, इस पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की जा रही है। क्योंकि इस मामले में पुलिस विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।  इंडिगो की नागपुर-कोलकाता फ्लाइट में बम होने की सूचना देने वाले शख्स की गिरफ्तारी (Arrest of the person who gave information about bomb in flight)ने रायपुर पुलिस को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। यह व्यक्ति केंद्रीय गुप्तचर विभाग (आईबी) का अधिकारी निकला, जिसे बिना उचित जांच के गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम अनिमेष मंडल है, जो नागपुर में डिप्टी इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।

रायपुर एयरपोर्ट पर हुई थी इंडिगो की इमरजेंसी लैंडिंग

14 नवंबर को, जब अनिमेष मंडल फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे, उन्हें विमान में बम होने की सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने क्रू मेंबर को सूचित किया। क्रू मेंबर ने पायलट को सूचित किया और पायलट ने रायपुर एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई। विमान लैंड होते ही रायपुर पुलिस ने अनिमेष मंडल को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें रिमांड पर जेल भेज दिया। इस दौरान, अनिमेष ने अपना आई कार्ड भी पुलिस को दिखाया था, लेकिन बिना पूरी जांच किए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस मामले ने रायपुर पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है, क्योंकि अनिमेष के परिवार ने उनकी आईबी में पोस्टिंग से संबंधित दस्तावेज कोर्ट में पेश किए हैं। वरिष्ठ वकील सैयद फैसल रिजवी का कहना है कि अनिमेष को जल्द बाइज्जत बरी किया जाएगा, और अगर जरूरत पड़ी तो वे हाईकोर्ट जाएंगे।

पुलिस के समक्ष दिखाई थी अपनी पहचान

यह मामला और भी जटिल हो गया है क्योंकि रायपुर में इस प्रकार के मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है। संबंधित कानून के तहत विशेष कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई होती है, और छत्तीसगढ़ में इस तरह का कोई विशेष कोर्ट नहीं है। इस कारण न्यायिक प्रक्रिया में दिक्कतें आ सकती हैं। इस बीच एक बड़ा सवाल यह है कि जब अनिमेष मंडल ने अपने परिचय पत्र पुलिस के समक्ष दिखाया था तो बिना जांच किए गिरफ्तार करने की जल्दबाजी क्यों की गई।

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