रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता (BJP State spokesperson Kedarnath Gupta) ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण (Conversion in Chhattisgarh) पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग पर करारा जवाब देते हुए कहा है कि धर्मांतरण का दंड पाकर भी कांग्रेस के दिल में ठंडक नहीं पहुंची। भूपेश बघेल के राज में हुए पाप का हिसाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उनसे ही मांगें। बैज जी तब कहां थे जब छत्तीसगढ़ में बस्तर अंचल में आदिवासियों पर धर्मांतरण को लेकर भूपेश बघेल सरकार का दमन चक्र चल रहा था। दीपक जी तब कहां थे जब सरगुजा में आदिवासियों को जन्माष्टमी मनाने से रोका जा रहा था।
दीपक जी तब कहां थे जब कांग्रेस की तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार पूरे प्रदेश में धर्मांतरण के पक्ष में तांडव करते हुए रासुका लगा रही थी। दीपक जी तब कहां थे जब पुलिस के आला अधिकारी आगाह कर रहे थे कि धर्मांतरण से बचा जाए लेकिन कांग्रेस और उसकी सरकार धर्मांतरण को संरक्षण देने और आदिवासियों का उत्पीड़न करने का काम कर रही थी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि अव्वल तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को माफी मांगनी चाहिए कि उनकी कांग्रेस की सरकार में छत्तीसगढ़ में सुनियोजित रूप से धर्मांतरण को संरक्षण दिया गया। यहां वहां भी बातें करने की बजाय सीधी बात करें। कांग्रेसियों की आदत है कि चोर से कहो चोरी करें और लोगों से कहो कि जागते रहो। कांग्रेस के संरक्षण में ही बीते 5 साल में दिन रात पिछले दरवाजे से धर्मांतरण हुआ।
धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने वालों का दमन किया गया और आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निर्लज्जता का प्रदर्शन करते हुए हमसे श्वेत पत्र की मांग कर रहे हैं। यह कौन सा श्वेत पत्र? क्या होता है इस तरह का श्वेत पत्र? पहले तो यह अपने भूपेश बघेल जी से पूछ लें, जो आदिवासी उत्पीड़न के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को जेल में ठूंस कर पादरियों की सलामी बजाने दिल्ली गए थे।
उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि धर्मांतरण से ही राष्ट्रान्तरण होता है। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय है क्योंकि भाजपा आदिवासी हितों की रक्षा के लिए काम करती है। आदिवासी समाज के हितों के विपरीत होने वाले धर्मांतरण को लेकर भाजपा हर समय संघर्ष करती रही है। धर्मांतरण को लेकर ही तो आज मैतेई और कुकी के बीच संघर्ष चल रहा है। भारत का विभाजन भी तो धर्मांतरण को लेकर ही हुआ है। तो यह हमारे लिए स्वाभाविक रूप से चिंता का विषय है और हम धर्मांतरण के खिलाफ पूरी ताकत के साथ खड़े हुए हैं।
धर्मांतरण के विरोध में सरगुजा के आदिवासी भाइयों ने चौदह की चौदह सीटें भाजपा को दी और कांग्रेस के कर्मों पर हमसे सफाई मांगने वाले यह न भूलें कि बस्तर संभाग ने भी धर्मांतरण का विरोध कर भाजपा को 12 में से 8 सीटें दीं। कम से कम दीपक बैज को तो अपने पद की गरिमा का सम्मान करते हुए यह समझना चाहिए कि धर्मांतरण को संरक्षण का दंड आदिवासी समाज ने उन्हें भी दिया है।
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