MMC जोन के नक्सलियों का बड़ा ऐलान एक जनवरी 2026 तक सरेंडर करेंगे सरकार से ऑपरेशन रोकने की अपील

यह दूसरा पत्र है जो अनंत ने एक सप्ताह के भीतर जारी किया है। पहले 15 फरवरी तक का समय मांगा गया था अब एक जनवरी 2026 तक की नई तय तारीख बताई गई है।

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  • Publish Date - November 28, 2025 / 02:17 PM IST

MMC जोन नक्सलियों का नया दावा एक जनवरी 2026 को सामूहिक सरेंडर की तैयारी

नक्सल प्रभावित मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के MMC जोन से एक बड़ा दावा सामने आया है। जोन के प्रवक्ता और नक्सली लीडर अनंत ने फिर एक नया पत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि तीनों राज्यों के नक्सली एक जनवरी 2026 को हथियार छोड़ देंगे। अनंत ने सरकारों से आग्रह किया है कि वे इस तारीख तक चल रहे नक्सल ऑपरेशन रोक दें ताकि संगठन सरेंडर प्रक्रिया पर आपस में बातचीत कर सके।

यह दूसरा पत्र है जो अनंत ने एक सप्ताह के भीतर जारी किया है। पहले 15 फरवरी तक का समय मांगा गया था अब एक जनवरी 2026 तक की नई तय तारीख बताई गई है।

Naxal Letter

सरकार से अपील नक्सल ऑपरेशन रोकें ताकि बातचीत पूरी हो सके

अनंत ने पत्र में लिखा है कि वे अपने साथियों से बातचीत के लिए एक खुली फ्रीक्वेंसी जारी कर रहे हैं। इस फ्रीक्वेंसी 435.715 पर रोज सुबह 11 से 11.15 बजे तक बातचीत की जाएगी ताकि सभी नक्सली सरेंडर प्रक्रिया को लेकर निर्देश समझ सकें।

पर्चे के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सतीश और महाराष्ट्र में सोनू की तरह वे भी किसी एक मुख्यमंत्री या गृह मंत्री के सामने हथियार डालने को तैयार हैं। अनंत का कहना है कि छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने 10 से 15 दिन का समय पर्याप्त बताया था लेकिन नक्सलियों के अनुसार यह समय बहुत कम है।
वे इस बार एक जनवरी 2026 की तारीख पर अडिग हैं और मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र सरकारों से भी प्रतिक्रिया की अपील की है।

PLGA सप्ताह नहीं मनाएंगे नक्सली साथियों को गतिविधियां रोकने की अपील

अनंत ने स्पष्ट किया है कि नक्सली इस बार PLGA सप्ताह नहीं मनाएंगे। उन्होंने अपने साथियों से कहा है कि बातचीत सफल होने तक वे सभी गतिविधियां पूरी तरह रोक दें और किसी भी तरह के आवेश या हिंसक कदम से बचें जिससे सरेंडर प्रक्रिया प्रभावित न हो।

पहले भी दिया था संकेत अब तारीख आगे बढ़ाई

हाल में जारी पहले पत्र में एमएमसी जोन ने सरकार से 15 फरवरी तक का समय मांगा था। अब नया पर्चा जारी कर एक जनवरी 2026 तक का लंबा समय मांगा है ताकि संगठन के अंदर चर्चा पूरी कर सामूहिक रूप से मुख्यधारा में लौटने का रास्ता तैयार किया जा सके।