रायपुर। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (Leader of Opposition Narayan Chandel) ने कहा, छत्तीसगढ़ के सुदूर जशपुर जिले के बगीचा थाना अंतर्गत पहाड़ी कोरवा दंपति (Pahadi Korwa couple) ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ रोजगार के अभाव एवं भूख के कारण मौत को गले लगा लिया, जो छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए व छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के लिए अत्यंत शर्मनाक है।
यह बगीचा थाना अंतर्गत सुदूर गांव सामरबहार के डुमरपारा की घटना है, उक्त पहाड़ी कोरवा दंपति प्रदेश सरकार में रोजगार नहीं होने के कारण 15 किलोमीटर दूर महुआ बिनने जाते थे, उन्होंने जंगल में ही अपना स्थाई निवास बना रखा था, दुर्दशा यह है कि भारत सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज प्रतिमाह दिया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, वह भी इन पहाड़ी कोरवा आदिवासी भाइयों को नहीं मिल पाता। प्रदेश की कांग्रेस सरकार उसे भी भ्रष्टाचार के खेल में डकार जाती है, जशपुर जिले के सुदूर गांव में किसी प्रकार के रोजगार मूलक काम नहीं चलाए जा रहे हैं, जिसके कारण रोजगार की अभाव में राष्ट्रपति जी के दत्तकपुत्र पहाड़ी कोरवा आदिवासी अपने बच्चों के साथ फांसी के फंदे पर झूल मौत को गले लगा लिए। इसके लिए पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ की भ्रष्ट भूपेश सरकार दोषी है। पूरे प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा 600 करोड़ से अधिक राशि का खाद्यान्न घोटाला किया गया है, इसकी उच्च स्तरीय जांच करना आवश्यक है, लेकिन राज्य की सरकार उसके लिए भी तैयार दिखाई नहीं देती है।
जिस गांव में पहाड़ी कोरवा दंपति ने आत्महत्या को अंजाम दिया है, वहा का पूरा क्षेत्र सड़क विहीन है। वहां के जनपद के अधिकारी सत्तापक्ष के संरक्षण में शासन की सारी राशि को गबन करने का नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। वहां के जनपद सीईओ 6 वर्ष से अधिक समय तक एक ही स्थान पर कार्यरत है। ऐसा लगता है कि शासन का उन पर पूरा संरक्षण है। उस क्षेत्र में मृतक के भाई चरवाहा का काम करता है। नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने इस तरह के घटना पुनरावृत्ति ना हों देने तथा खाद्यान्न का सही वितरण नहीं होने पर दोषी के ऊपर सख्त कार्यवाही करने को कहा।
इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)