छत्तीसगढ़ में मंत्री पद के लिए नए चेहरे: अग्रवाल और साहेब की चर्चा, संगठन में भी बड़े बदलाव की उम्मीद

राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब का नाम मंत्री पद के लिए उठने से इस चर्चा में ताजगी आई है। विशेष रूप से, गुरु खुशवंत साहेब एससी/एसटी समुदाय से आते हैं, जबकि राजेश अग्रवाल और गजेंद्र यादव क्रमशः जनरल और ओबीसी समुदाय से हैं।

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  • Publish Date - August 6, 2025 / 11:41 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार (BJP Government) और संगठन दोनों में एक साथ विस्तार की योजना बन रही है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे के बाद राज्य में दो नए नाम मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा में हैं। इनमें अंबिकापुर के विधायक राजेश अग्रवाल और आरंग से विधायक गुरु खुशवंत साहेब का नाम प्रमुख है। इसके पहले, सीनियर नेताओं अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव का नाम भी इस रेस में था।

कौन होंगे नए मंत्री?

राजेश अग्रवाल और गुरु खुशवंत साहेब का नाम मंत्री पद के लिए उठने से इस चर्चा में ताजगी आई है। विशेष रूप से, गुरु खुशवंत साहेब एससी/एसटी समुदाय से आते हैं, जबकि राजेश अग्रवाल और गजेंद्र यादव क्रमशः जनरल और ओबीसी समुदाय से हैं। बीजेपी यदि इन तीनों को कैबिनेट में शामिल करती है तो वह तीनों प्रमुख वर्गों तक पहुंच बनाने में सफल हो सकती है।

नई नियुक्तियों की राह में जल्द निर्णय

सीएम विष्णुदेव साय और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने इस संबंध में बयान दिए हैं कि इस माह के अंत तक नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो सकता है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं के लिए एक सूची तैयार कर ली है, अब केवल उस सूची को सार्वजनिक करने का इंतजार है।

नए संगठन में बदलाव की भी उम्मीद

न केवल मंत्रिमंडल में, बल्कि बीजेपी संगठन में भी बड़े बदलाव की चर्चा हो रही है। प्रदेश भाजपा में तीन नए प्रदेश मंत्री, सात मोर्चा अध्यक्ष, 30 प्रकोष्ठ अध्यक्ष और दो नए प्रदेश महामंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है। वहीं, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी एक नए चेहरे की तलाश की जा रही है, क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष शालिनी राजपूत को अब हस्तशिल्प विकास बोर्ड का प्रमुख बनाया गया है।

संगठन विस्तार की नई रणनीति

पार्टी के जानकारों का कहना है कि संगठन में कोई नई रणनीति नहीं अपनाई जा रही है, बल्कि पुराने फार्मूले के आधार पर कार्यकर्ताओं का चयन किया जा रहा है। इसमें यह ध्यान रखा जा रहा है कि कौन कार्यकर्ता संगठन के लिए ज्यादा समर्पित और ईमानदारी से काम कर सकता है। वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल बैठाकर संगठन का विस्तार किया जा रहा है।

बीजेपी की पूरी योजना इस माह के अंत तक आकार ले सकती है, जिसमें पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को उनके समर्पण और क्षमता के हिसाब से जिम्मेदारियां दी जाएंगी।