रायपुर। प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाली नम्रता गांधी (Namrata Gandhi) छत्तीसगढ़ की तीसरी आईएएस अधिकारी है. इससे पहले दंतेवाड़ा के तत्कालीन कलेक्टर ओपी चौधरी और आईएएस सौरभ कुमार को यह पुरस्कार मिला था. जनवरी 2024 से धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने भखारा नगर पंचायत में पेयजल की समस्या को देखते हुए नगर पंचायत व जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर गंगरेल नहर से सिलघट तक पानी पहुंचाने की योजना बनाई।
गंगरेल नहर के पानी को सिलघट एनीकट के पास नगर पंचायत के इनटेक वेल के माध्यम से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाकर वाटर ट्रीटमेंट करते हुए पिछले दिनों से भखारा नगरवासियों को पेयजल आपूर्ति शुरू करवाई गई. इस तरह कलेक्टर नम्रता गांधी की दूरदर्शिता से नगर पंचायत क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही पेयजल समस्या का समाधान हो गया. इस कार्य की वजह से उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली.
नम्रता गांधी छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस 2013 बैच की आईएएस अफसर हैं. मुंबई, महाराष्ट्र की रहने वाली नम्रता गांधी का जन्म 1 फरवरी 1989 को हुआ है. उनके पिता का नाम हेमेंद्र गांधी और माता का नाम मीता गांधी है. उनके पिता का अपना कारोबार है.
नम्रता गांधी ने मुंबई के गोपी बिड़ला स्कूल से सीबीएसई बोर्ड से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है. इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई से पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स से किया था. ग्रेजुएशन में नम्रता ने मुंबई यूनिवर्सिटी में दूसरा रैंक हासिल किया था. केवल पढ़ने में ही नहीं बल्कि वाद-विवाद जैसी बौद्धिक गतिविधियों में भी नम्रता गांधी सक्रिय थीं.
ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद नम्रता ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की मुख्य परीक्षा के लिए उन्होंने अपना वैकल्पिक विषय राजनीति विज्ञान ही रखा. हार्ड वर्क एवं बेहतर रणनीति के साथ तैयारी करते हुए यूपीएससी 2011 में अपने प्रथम प्रयास में 600 रैंक प्राप्त किया और इंडियन पोस्टल सर्विस के लिए चुनी गईं. 2012 में अपने दूसरे प्रयास में नम्रता गांधी ने 42 वीं रैंक लाकर यूपीएससी उत्तीर्ण कर लिया और आईएएस के लिए चुनी गईं.
नम्रता गांधी ने यूपीएससी 2012 क्रैक किया और 2013 बैच की आईएएस बनीं. नम्रता को छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट हुआ. नम्रता ने आईएएस की सर्विस 2 सितंबर 2013 को ज्वाइन की. उन्हें फील्ड पोस्टिंग के लिए राजनांदगांव में सहायक कलेक्टर के तौर पर पहली पोस्टिंग मिली. जिसके बाद अविभाजित बिलासपुर जिले के गौरेला– पेंड्रा–मरवाही अनुविभाग की एसडीएम बनीं. फिर वे कांकेर, सरगुजा व धमतरी जिला पंचायत की सीईओ रहीं. इसके बाद गरियाबंद व जीपीएम के बाद अब धमतरी जिला की कलेक्टर हैं।
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