युक्तियुक्तकरण पर सियासी संग्राम: सिंहदेव बोले – “बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है BJP सरकार”

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा सरकार पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार का नया सेटअप पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।

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  • Publish Date - May 29, 2025 / 11:54 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग (School education department) द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर सियासत तेज हो गई है। सरकार ने राज्य के 10,463 स्कूलों को मर्ज करने और शिक्षकों का पुनर्वितरण करने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि यह फैसला छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लिया गया है, लेकिन कांग्रेस और शिक्षक संगठनों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भाजपा सरकार पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार का नया सेटअप पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। दो शिक्षक अगर पहली से पांचवीं तक की 18 कक्षाएं लेंगे तो यह अमानवीय होगा। उन्होंने कहा कि पहली से आठवीं तक की शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है और सरकार अगर उसे नहीं दे सकती तो इस्तीफा दे दे या शिक्षा को निजी क्षेत्रों को सौंप दे।

सरकार का तर्क है कि राज्य के 54,185 स्कूलों में से 297 स्कूलों में कोई शिक्षक नहीं है और 7,127 स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक है। इसी असमानता को दूर करने के लिए युक्तियुक्तकरण का फैसला लिया गया है। जिन स्कूलों में छात्र कम हैं, उन्हें पास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा और जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक हैं, वहां से शिक्षकों को जरूरत वाले स्कूलों में भेजा जाएगा।

इस फैसले से सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। अकेले बलरामपुर में 414, सूरजपुर में 278 और सरगुजा में 227 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

शिक्षकों का कहना है कि इस प्रक्रिया से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा और ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी। विपक्ष का भी कहना है कि बिना ज़मीनी अध्ययन और संवाद के लिया गया यह फैसला छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए नुकसानदायक साबित होगा।

छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ने की संभावना है। आने वाले दिनों में यह मामला शिक्षा व्यवस्था और राजनीतिक बहस दोनों का बड़ा मुद्दा बन सकता है।