चीन के मुद्दे पर चढ़ा सियासी रंग! भूपेश बोले, राहुल गांधी उठा रहे सवाल पर PM झूला झूल रहे हैं

भारत में चीनी फंडिंग (Chinese funding in India) और एंटी इंडिया अभियान चलाने के आरोप केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लगाए। उन्होंने इससे .......

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  • Updated On - August 8, 2023 / 07:33 PM IST

छत्तीसगढ़। भारत में चीनी फंडिंग (Chinese funding in India) और एंटी इंडिया अभियान चलाने के आरोप केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लगाए। उन्होंने इससे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का नाम जोड़ दिया। अब इस पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। उन्होंने कहा-प्रधानमंत्री तो झूला झूल रहे थे, उन्हें झूला झूलने से फुर्सत नहीं है। मंगलवार को रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से चर्चा में CM भूपेश बघेल ने कहा- ” चीन अतिक्रमण कर रहा है, लगातार इस मुद्दे को लगातार राहुल गांधी उठा रहे हैं। उस पर तो वह बोल नहीं पा रहे हैं।

CM ने कहा- वर्षों से लगातार चीन हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है। चीन उसमें बिल्डिंग बना रहा, ब्रिज बना रहा, लेकिन भारत सरकार ने एक शब्द नहीं बोला। उनके विदेश मंत्री ने कहा- हमसे बड़ी इकोनॉमी है चीन, इसलिए हमला नहीं कर सकते।

भूपेश बघेल ने आगे कहा- मतलब आपसे ताकतवर हैं और आपके जमीन पर अगर कब्जा करे तो आप चुप रहेंगे। आप प्रतिकार भी नहीं करेंगे, स्वीकार भी नहीं करेंगे। प्रतिकार करना तो दूर की बात स्वीकार भी नहीं कर पा रहे हैं। देश इतना कमजोर नहीं है । भारत की सेना इतनी कमजोर नहीं है की इसका जवाब नहीं दे सके। लेकिन हमारे प्रधानमंत्री को झूला झूलने से फुर्सत मिले तब।

ये कहा था अनुराग ठाकुर ने

असल में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान सामने आया था। उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष की भूमिका पर कड़ा निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि ‘राहुलजी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीन के प्रति प्यार दिखता था और भारत के प्रति दुष्प्रचार का एजेंडा था।’ अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस की ओर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एंटी इंडिया कैंपेन ये लोग चलाते थे। इनके यहां चीन के प्रति सम्मान है। जब मैं न्यूज क्लिक के प्रति बात करता हैूं। इसकी फंडिंग की, तब भारत में इसके खिलाफ छापे पड़े। उसमें कहां कहां से पैसा लिया, कहां से पैसे आए। इन सबकी जानकारी है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘यदि आप इनकी फंडिंग का जाल देखेंगे तो नेवलराय सिंघम ने इसकी फंडिंग की। फंडिंग उसे चीन की ओर से आई।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि उनको चीन के मामले में झूला-झूलने से फुर्सत नहीं है। दरअसल ये तंज इस वजह से क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जब भारत दौरे पर आए थे तो प्रधानमंत्री ने उनके साथ कुछ देर एक झूले पर बैठकर बातें की थीं।

क्या है चीन-भारत विवाद

पिछले साल अरुणांचल प्रदेश के तवांग का यंगस्टे LAC पर चीनी सैनिकों ने एक बार फिर भारत में घुसने की कोशिश की थी। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताकर अपना दावा पेश करता रहा है। चीन ने पिछले साल ही अरुणाचल प्रदेश के 15 इलाकों के नाम बदल दिए थे। यानी चीन के जमीन हथियाने की नीति का अगला फोकस भारत है।

भारत और चीन सीमा विवाद सालों पुराना है, 11 मार्च 2020 को लोकसभा में दिए जवाब में उस वक्त के विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया था कि लद्दाख का करीब 38 हजार स्क्वायर किमी का हिस्सा चीन के कब्जे में है। इसके अलावा 2 मार्च 1963 को चीन-पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते के तहत पाकिस्तान ने पीओके का 5 हजार 180 स्क्वायर किमी चीन को दे दिया था।

विदेश मंत्री ने क्या कहा था

हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था- यह कब्जा हाल ही में नहीं हुआ, बल्कि साल 1962 में हुआ था। जयशंकर ने कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, बल्कि कहा- वे (विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाते हैं जैसे भारत की जमीन का कब्जा कल-परसों हुआ हो। इस जमीन पर चीन ने 1962 में कब्जा किया था।

जयशंकर ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और चीनी राजदूत के कथित संपर्क को लेकर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि भारत की जमीन पर चीनी कब्जे को लेकर अगर उनकी जानकारी में कोई कमी है, तो वे फौज या फिर इंटेलिजेंस से बात करेंगे। उन्होंने कहा- मैं चीनी राजदूत को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।

BJP के आरोप पत्र और आदिवासियों की स्थिती पर बोले CM

मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के विपक्षी दल भाजपा को भी घेरा। भूपेश बघेल ने कहा आदिवासियों के लिए हम लोगों ने जो काम किया है, आज प्रत्येक आदिवासी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है, पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित महसूस कर रहा है। 15 साल के कुशासन में आदिवासियों को लूटा गया, उनकी जमीनी छीनी गई।

उनको शिक्षा से दूर रखा गया, इलाज से दूर रखा गया, सबसे बड़ी बात यह है कि बस्तर के आदिवासियों को नक्सली समझकर या तो गोली से भून दिया गया या जेल में ठूंस दिया गया। आज वह तमाम परिस्थितियां बिल्कुल नहीं है, बल्कि आजादी के सास ले रहे हैं और विकास के गति में विकास में लगातार शामिल भी हो रहे हैं और कदमताल करके आगे बढ़ रहे।

इस कार्यक्रम में पहुंचे थे CM

मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में दास्तान ए आजादी नाम के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में हिमांशु बाजपेई ने अपनी प्रस्तुति दी। प्रज्ञा शर्मा, अजय टिपानिया और वेदांत भारद्वाज जैसे कलाकारों ने परफॉर्म किया। 8 अगस्त को ही कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव दिया था। इसी की याद में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ था।

 

इनपुट (भोजेंद्र वर्मा)

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