रायपुर। स्कूल और उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल (Higher Education Minister Brijmohan Agarwal) ने कहा है कि अब स्थिति स्पष्ट हो गई है, उम्मीद है कि प्राइवेट स्कूल, शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत गरीब बच्चों को प्रवेश देने की प्रक्रिया तेजी से पूरा करेंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (Right to Compulsory Child Education Act) अंतर्गत वर्ष 2022-23 में निजी विद्यालयों को जनवरी 2024 से अप्रैल 2024 तक वर्ष 2022-23 हेतु नर्सरी से 8वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क प्रतिपूर्ति राशि 185.91 करोड़ रूपए और कक्षा 9वीं से 12वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शुल्क प्रतिपूर्ति 20.71 करोड़ रूपए के विरूद्ध कुल 134 करोड़ 30 लाख 27 हजार 339 रूपए की राशि निजी विद्यालयों के खाते में अंतरित की जा चुकी है। अतः वर्ष 2022-23 में शेष लंबित राशि लगभग 70 करोड़ रूपए के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
वर्ष 2023-24 की प्रतिपूर्ति के लिए सत्रांत अगस्त माह का समय निर्धारित है। विद्यालयों द्वारा समय-सीमा में दावा आपत्ति किए जाने के पश्चात शुल्क प्रतिपूर्ति राशि के भुगतान हेतु कार्यवाही की जाएगी।
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को शुल्क प्रतिपूर्ति के लगभग 285 करोड़ रूपए की राशि लंबित होने संबंधी समाचार असत्य है। इस संबंध में वस्तु स्थिति उपरोक्तानुसार स्पष्ट की गई है।
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