छत्तीसगढ़। (Pandit Ravi Shankar Shukla University) पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में नए कुलपति के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, वर्तमान कुलपति डॉक्टर केसरी लाल वर्मा का कार्यकाल 1 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसके पूर्व राजभवन द्वारा (Vice Chancellor Selection Process) कुलपति चयन प्रक्रिया को लेकर 3 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। जिसकी पहली बैठक 13 फरवरी को राजभवन में होने जा रही है सूत्रों से पता चला है कि कुलपति पद को लेकर 100 से भी ज्यादा आवेदन देश भर से आए हैं। जिसे लेकर मंथन जारी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राज्यपाल को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि विषयांतर्गत आपका ध्यान आकृष्ट कराया जाना समीचीन होगा कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर में नये कुलपति की नियुक्ति की जानी है, इस हेतु आपके निर्देश एवं आदेशानुसार कुलपति चयन समिति का गठन किया गया है, चयनित समिति संभवतः इस माह ही पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय हेतु नये कुलपति के नाम की सिफारिश कर सकती है।
उक्त परिपेक्ष्य में उल्लेख है कि छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ में स्थापित विश्वविद्यालय में अनेक राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभावान प्राध्यापक उपलब्ध हैं, जो कि न केवल प्रदेश अपितु प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवायें दे रहे हैं।
यही नहीं यहाँ के प्रतिभावान विद्वत प्राध्यापक के शोध एवं प्रोजेक्ट्स अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य किये गए हैं, ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि कुलपति नियुक्ति में स्थानीय प्रतिभावान प्राध्यापकों को प्राथमिकता दी जाये। चूंकि स्थानीय प्राध्यापक छत्तीसगढ़ के भौगोलिक, सामाजिक, विज्ञान एवं शैक्षणिक स्तर यहाँ के छात्रों की प्रतिभा से भी भलीभाँति परिचित हैं।
अतः पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में स्थानीय प्राध्यापकों को नियुक्ति में आपके मार्गदर्शन से प्राथमिकता देते हुए न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं शोध विकास को प्राथमिकता मिलेगी, अपितु यहाँ से उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परिचय देंगे।
आपका ध्यान आकृष्ट कराया जाना प्रासंगिक होगा। कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति की नियुक्ति का ही परिणाम है कि विश्वविद्यालय में बेसिक साईंस सेन्टर की स्थापना की गई है, जिसमें विज्ञान के स्नातक स्तर का अध्ययन होता है। आपको प्रसन्नता होगी कि यहाँ के छात्र विश्व स्तरीय नासा जैसे शोध संस्थान में अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं।
एनसीएनआर जैसे शोध संस्थान की स्थापना की गई है, जिसके माध्यम से छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों पर शोध के कार्य चल रहे हैं। यह भी कि इस विश्वविद्यालय के 10 प्राध्यापक अब तक विश्वविद्यालय एवं प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हो चुके हैं। इस तथ्य से ही आप सहमत होंगे कि इस अंचल के प्रतिभावान प्राध्यापकों को चयनित किये जाने से न केवल विश्वविद्यालय अपितु यहाँ के छात्र एवं विश्वविद्यालय के अकादमिक स्तर में प्रगति से इनकार नहीं किया जा सकता। उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में आपसे अपेक्षा है कि कुलपति चयन में स्थानीय उम्मीदवार को प्राथमिकता प्रदान करेंगे।