रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सांसद सरोज पांडेय ( MP Saroj Pandey) ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए कहा है कि वह जो भी बोलते हैं, झूठ बोलते हैं। जो कह रहे हैं, वह शपथ पत्र देकर कहें। जनता उनकी किसी भी बकवास पर भरोसा नहीं करती क्योंकि जहां भूपेश हैं वहां झूठ ही झूठ (Bhupesh there are only lies) है। भूपेश बघेल मानसिक दिवालियापन के शिकार हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी जी के विरुद्ध आरोप लगाते हुए जिस तरह का राजनीतिक विष वमन किया है, वह कांग्रेस के भूपेश बघेल जैसे लोग ही कर सकते हैं। इनमें न तो विवेक है और यदि लेशमात्र हो भी तो उसका इस्तेमाल नहीं करना जानते। कांग्रेस के पास न नीति है न नीयत है। ये सिर्फ लूटना जानते हैं। इसीलिए झूठे वादे करके सत्ता में आये और 36 वादों में से एक भी वादा पूरा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी का वादा पूरा नहीं हुआ, 10 लाख लोगों को बेरोजगारी भत्ता देने कहा था, मुट्ठी भर लोगों को देना तब शुरू किया, जब भाजपा ने दबाव बनाया। बुजुर्गों को पेंशन नहीं दी। कितना झूठ बोलेंगे? धान खरीदी के विषय में एक तरफ केंद्र सरकार को पत्र लिखते हैं और कहते हैं कि राज्य सरकार धान खरीदी करती है। जिस प्रकार की भाषा भूपेश बघेल बोल रहे हैं, यह प्रमाण है कि वह बहुत बदहवास हालत में हैं क्योंकि उनकी सरकार वापस आने की कोई उम्मीद नहीं है। धान घोटाला करने के लिए कोशिश करते हैं। कहते कुछ हैं करते कुछ हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री संघीय व्यवस्था पर आघात करते हैं। जब देश के प्रधानमंत्री यहां आते हैं तो उनके ही उपमुख्यमंत्री उनकी तारीफ करते हैं और वह कहते हैं कि दोनों हाथों से प्रधानमंत्री जी देते हैं। अब या तो मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं और उपमुख्यमंत्री सच बोल रहे हैं। यह विषय मैं पहले भी उठा चुकी हूं। यह बात मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है। कांग्रेस पार्टी की हालत न घर की न घाट की है। भूपेश बघेल से कहना चाहूंगी कि आपकी सत्ता जाना तो तय है, बदहवासी में अभद्र भाषा का इस्तेमाल न करें। भद्र भाषा में बात करें तो बेहतर होगा।
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