छत्तीसगढ़। आखिरकार, सतनामी समाज (Satnami Samaj) ने कांग्रेस की महारैली से walk out (असहमति) कर लिया है। 3 जनवरी को कांग्रेस आरक्षण पर मचे घमासान के बीच महारैली निकालने जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने समाज के सभी संगठनों को आमंत्रण पत्र भेजा था। इसमें भाग लेने पर सतनामी समाज ने असहमति जताई है। यह भी मुद्दा भी BJP की तरफ यू-टर्न हो गया है। कांग्रेस का आरोप है कि आरक्षण को लेकर BJP साजिश कर रही है।
बहरहाल, शनिवर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस बैठक में सभी समाज के प्रमुखों को आमंत्रित किया। जिसमें आगामी ३ जनवरी को होने वाली महारैली की रणनीति बनी है। साथ ही इस बैठक में अलग-अलग समाज के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई। हालांकि इस महारैली से सतनामी समाज ने दूर रहने की बात कही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आरक्षण के अनुपात के बारे में जानकारी दी और बताया कि किन आधारों पर आरक्षण का अनुपात तय किया गया है, साथ ही कैसे विधेयक के पारित होने के बाद इसका सीधा लाभ समाज के लोगों और विशेषकर युवाओं को होगा। इन मुद्दों पर बैठक में चर्चा की गई है। इसके अलावा समाज के पदाधिकारियों को बताया गया है कि यदि यह विधेयक पारित नहीं हो पाया, तो इसका लाभ किसी भी व्यक्ति और समाज को नहीं होगा। बातचीत में कहा गया कि बीजेपी के कारण विधेयक राजभवन में पिछले २९ दिनों से अटका हुआ है।
इस बैठक में आदिवासी गोंड समाज, सर्व आदिवासी समाज, सतनामी समाज, प्रगतिशील सतनामी समाज, कुर्मी समाज, चंद्रा समाज, सारथी समाज, मेहर समाज, धीवर समाज, सेन समाज के नेता और संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इन पदाधिकारियों के साथ CM के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने भी चर्चा की है। जानकारी मिली है कि बैठक में सतनामी समाज को छोड़कर बाकी समाज के प्रतिनिधियों ने ३ जनवरी को आयोजित होने वाली जन अधिकार महारैली के लिए सहमति दे दी है।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की बैठक में प्रगतिशील सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद भतपहरी भी शामिल हुए। हालांकि उन्होंने आगामी ३ जनवरी की महारैली के लिए असहमति जताई है। उन्होंने बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार ने विधेयक पर SC वर्ग के आरक्षण में कटौती की है, जबकि हाईकोर्ट ने ५०प्रतिशत वाली सीलिंग में भी SC वर्ग के १६ प्रतिशत के आरक्षण को यथावत रखा था।
सरकार के नए विधेयक में इसे १३ प्रतिशत कर दिया गया है, जो उचित नही है। बल्कि सरकार को हमारे आरक्षण को ३त्न बढ़ाकर कुल आरक्षण ७९ प्रतिशत कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कैटेगरी में भी यदि जरूरत EWS पड़े, तो उसे भी बढ़ा देना चाहिए। सभी वर्गों के साथ न्याय होना जरूरी है।