गरियाबंद। गरियाबंद जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां जमीन विवाद से परेशान महिला ओम बाई बघेल (Om Bai Baghel) ने जब स्याही से लिखी आवेदन से न्याय नहीं मिला तो उसने अपनी खून से राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर पोस्ट किया है. यह मामला छुरा का है।
टीबी जैसे गंभीर रोग से जूझ रही 70 वर्षीय ओम बाई ने पत्र में लिखा है कि अपनी पुश्तैनी जमीन में रिवाज के मुताबिक पूर्वजों का मठ (समाधि) बनाया था, जिसे छुरा में रहने वाले संतोष सारडा ने तुड़वा दिया. न केवल पुरखौती जमीन पर काबिज किया बल्कि उसके साथ दुव्र्यवहार भी किया गया.
इसकी शिकायत उसने कलेक्टर, एसपी से लेकर जिले के सभी बड़े अफसरों से की थी पर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उसने जुल्म की कहानी खून से लिखकर राष्ट्रपति के नाम स्पीड पोस्ट किया है। आज जिले में नए कलेक्टर भगवान उईके ने तत्कालीन कलेक्टर दीपक अग्रवाल से भार ग्रहण किया है.
इधर जब भार ग्रहण की प्रकिया चल रही थी उधर ओम बाई ने खून से पत्र लिखा और स्पीड पोस्ट की, इसकी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. पीडि़ता को अब नए कलेक्टर भगवान से उम्मीद है।
पीडि़ता ओम बाई का एक रोते हुए वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उसने बताया है कि किस तरह उसके पुरखों की जमीन पर कब्जा किया गया. कब्जा के दरम्यान पूर्वजों के मठ को तोड़ा गया. इस दरम्यान महिलाओं के साथ बार-बार अपमान जनक व्यवहार किया जाता रहा.
इस मामले में प्रशासन की ओर से छुरा तहसीलदार ने दलील दी है कि पिछले तीन साल से चल रहे जमीन विवाद में संतोष सारडा के पक्ष में फैसला आया है. राजस्व अधिनियम के मुताबिक उसे कब्जा दिलाया गया है. कब्जा दिलाकर हम लौट आए थे. हमारी गैर मौजूदगी में पक्षकार ने क्या किया, कैसे मठ को तोड़ा गया, इसकी जानकारी नहीं है।
एसडीओपी निशा सिन्हा ने कहा कि मामला राजस्व विभाग का है. विधिवत कब्जा दिलाया गया. बल तब तक मौजूद था. अन्य आरोपों की जांच की जा रही है. जांच में आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।