—सर्पदंश से हुई मौत तो सांप को जिंदा चिता में जला डाला
रायपुर। कभी-कभी लोगों की सोच और हरकतें हैरान करने वाली होती है। ऐसा ही एक वाक्या कोरबा जिले है, जहां एक व्यक्ति की सर्पदंश से मौत हो गई। लेकिन ग्रामीणों ने जिस सांप(Snake) को पकड़कर रखा था, उसे जिंदा ही चिता में जला डाला।
बताया जाता है कि जहरीले सांप के काटने से 22 वर्षीय युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने कथित तौर पर युवक की चिता पर सांप को जिंदा जला दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि जिले के बैगामार गांव में रविवार को सांप के काटने से डिगेश्वर राठिया की मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने डिगेश्वर की चिता के साथ सांप को भी जिंदा जला(burn the snake alive) दिया।
उन्होंने बताया कि शनिवार की रात में जब डिगेश्वर अपने कमरे में सोने के लिए बिस्तर लगा रहा था, तब उसे एक करैत सांप ने काट लिया। जब उसने अपने परिवार के सदस्यों को इसकी सूचना दी तब परिजन उसे कोरबा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान रविवार सुबह डिगेश्वर की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया गया।
बताया कि इधर सांप के काटने की घटना के बाद ग्रामीणों ने सांप को पकडऩे में कामयाबी हासिल की और उसे एक टोकरी में रख दिया। अधिकारियों ने बताया कि डिगेश्वर की मौत के बाद ग्रामीणों ने सांप को एक डंडे से लटकी रस्सी से बांध दिया। जब डिगेश्वर की शवयात्रा उसके घर से श्मशान घाट के लिए निकाली गई तब ग्रामीण सांप को भी वहां ले गए। बाद में ग्रामीणों ने सांप को डिगेश्वर की चिता पर जिंदा जला दिया।
ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें डर था कि जहरीला सांप किसी और को अपना शिकार बना सकता है इसलिए उन्होंने सांप को चिता पर ही जला दिया। घटना के बारे में पूछे जाने पर कोरबा के अनुविभागीय अधिकारी (वन) आशीष खेलवार ने कहा कि सांप को मारने के लिए गांव वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। खेलवार ने कहा कि सांपों और सर्पदंश के बारे में लोगों को शिक्षित करने और जागरूकता फैलाने की जरूरत है, क्योंकि ये सरीसृप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।